महाराष्ट्र के सोलापुर ज़िले की नराळे ग्राम पंचायत ने महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया है. इस पंचायत ने एक विशेष योजना के तहत विधवाओं को खेतों में दैनिक मजदूरी पर काम देने का प्रस्ताव पास किया है. यह योजना उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का मौका देगी.
नराळे ग्राम पंचायत (संघोला तालुका) ने ‘श्रमशक्ति सम्मान योजना’ के नाम से इस योजना को एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक महीने के लिए शुरू करने का निर्णय लिया है. इस योजना की शुरुआत 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) को होगी.
इस योजना के तहत 25 से 35 वर्ष की उम्र की विधवाओं को खेतों में काम करने का मौका मिलेगा और उन्हें रोज़ ₹300 मजदूरी दी जाएगी. इसमें आधा पैसा किसान और आधा ग्राम पंचायत देगी. इससे किसानों को भी फायदा होगा क्योंकि उन्हें केवल 50% मजदूरी देनी होगी.
इस योजना की शुरुआत सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद जिंजाडे के प्रयासों से हुई है. उन्होंने बताया कि गांव की विधवाएं सामाजिक बहिष्कार, आर्थिक संकट और मानसिक तनाव से गुजरती हैं. पति की मृत्यु के बाद उन्हें समाज में सम्मान नहीं मिलता. इस योजना से वे फिर से आत्मविश्वास और सम्मान पा सकेंगी.
पहचान पत्र और हेल्पलाइन नंबर: हर महिला को पहचान पत्र और एक हेल्पलाइन नंबर दिया जाएगा, ताकि किसी भी परेशानी में तुरंत सहायता मिल सके. महिला समिति का गठन: एक महिला समिति बनाई जाएगी जो कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों को सुनेगी और ज़रूरत पड़ने पर सहायता करेगी. निरीक्षक की नियुक्ति: एक विधवा महिला को सुपरवाइज़र बनाया जाएगा, जो महिलाओं की उपस्थिति और सुरक्षा की निगरानी करेगी.
बीमारी और मृत्यु की स्थिति में सहायता: अगर कोई महिला काम के दौरान बीमार पड़ती है, तो उसे तुरंत नज़दीकी सरकारी क्लिनिक ले जाया जाएगा. और अगर किसी महिला की मृत्यु होती है तो उसके परिवार को ₹10,000 की सहायता दी जाएगी.
ग्राम सरपंच वैशाली भोसले ने बताया कि पंचायत ने ग्रामीणों से योजना में आर्थिक सहायता देने की अपील की है. इसके अलावा स्वयं सहायता समूहों (SHGs) द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य बीमा योजना को भी इन महिलाओं के लिए बढ़ाया जाएगा, जिसमें सालाना केवल ₹15 प्रीमियम लगता है.
सरपंच वैशाली भोसले ने कहा कि यह योजना एक उदाहरण बन सकती है और राज्य की सभी ग्राम पंचायतों को इसे अपनाना चाहिए. योजना की शुरुआत एक विधवा महिला द्वारा झंडा फहराने के साथ होगी, और 10 महिलाओं ने पहले ही इस योजना में भाग लेने की इच्छा जताई है. नराळे ग्राम पंचायत की यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान और आत्मविश्वास भी दिलाएगी. यह एक ऐसा कदम है जो ग्रामीण भारत में महिलाओं के लिए नई राहें खोल सकता है.
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