पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रदेश के लिए नई कृषि नीति बनाने को मंजूरी दे दी. बताया जा रहा है कि इस कृषि नीति से प्रदेश में खेती आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. एक सरकारी बयान में कहा गया है, नई नीति की बदौलत प्रदेश में किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने का लक्ष्य है. साथ ही नई कृषि नीति की मदद से प्रदेश में खाद्य उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा.
मुख्यमंत्री मान के आवास पर गुरुवार, 3 अक्टूबर को एक बैठक हुई जिसमें नई कृषि नीति पर फैसला लिया गया. बैठक के बाद मुख्यमंत्री के प्रवक्ता ने कहा कि पारंपरिक खेती के दिन लदते जा रहे हैं, इसलिए राज्य के लिए जरूरी है कि वह ऐसी कृषि नीति लेकर आए जिससे खेती-बाड़ी को नई जान मिले.
प्रवक्ता ने कहा, सरकार का ये भी विचार है कि भावी पीढ़ी के लिए भूजल को बचाया जाए और कृषि को फायदे का सौदा बनाया जाए. प्रवक्ता ने कहा कि नई कृषि नीति के लिए यह जरूरी है कि सभी पक्षों की राय जान ली जाए. इस बारे में सभी लोगों के विचार लिए जाएं.
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इसके साथ ही, पंजाब कैबिनेट ने राज्य के राजस्व को सालाना 2,400 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3,000 करोड़ रुपये करने के लिए कुछ प्रस्तावों को भी मंजूरी दी. इसके लिए, इसने डीजल और पेट्रोल पर वैट में 92 पैसे प्रति लीटर और 0.61 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी को मंजूरी दी. बयान में कहा गया है कि इसके अलावा, सरकार ने 7 किलोवाट से अधिक लोड वाले बिजली उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सब्सिडी को भी खत्म करने का फैसला किया है.
पंजाब कैबिनेट ने व्यापारियों की अधिकतम संख्या को लाभ पहुंचाने के लिए लंबित वैट मामलों के लिए ओटीएस III के दायरे के विस्तार को भी मंजूरी दी. इसके अलावा, इसने कौशल और तकनीकी आधारित शिक्षा पर प्रमुख जोर देने के लिए एक नई शिक्षा नीति शुरू करने के लिए भी अपनी सहमति दी. बयान में कहा गया है, “इससे राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोलने में मदद मिलेगी, जिससे वे पंजाब के सामाजिक-आर्थिक विकास का एक अभिन्न हिस्सा बनेंगे.”
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मालवाहक वाहनों और ऑटो रिक्शा मालिकों को बड़ी राहत देते हुए कैबिनेट ने हर तिमाही के बाद टैक्स का भुगतान करने की प्रक्रिया को खत्म करने की भी मंजूरी दे दी है. इन पुराने वाणिज्यिक वाहनों के मालिक अब अपने वाहनों का एकमुश्त टैक्स सालाना जमा कर सकते हैं, जिससे उनका समय, पैसा और ऊर्जा बचेगी. बयान के मुताबिक, "ऐसे नए वाहनों के खरीदारों को चार साल या आठ साल तक यह टैक्स चुकाने का विकल्प दिया गया है, जिससे उन्हें 10 प्रतिशत या 20 प्रतिशत की छूट मिलेगी."
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