जल संकट का सामना कर रहे हरियाणा में इस बार सरकार ने 2 लाख एकड़ क्षेत्र को धान की सीधी बिजाई के तहत लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. खरीफ सीजन 2022 के दौरान 72,000 एकड़ क्षेत्र में धान की सीधी बिजाई (DSR-Direct Seeding of Rice ) हुई थी. दावा है कि इससे 31,500 करोड़ लीटर पानी की बचत हुई थी. धान की खेती का तौर-तरीका बदलने वाले इन किसानों को बदले में 29.16 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई थी. पिछले साल किसानों के उत्साह को देखते हुए इस वर्ष सीधी बिजाई का लक्ष्य बढ़ा दिया गया है. यहां पर भू-जल को गिरने से बचाने के लिए धान की खेती छोड़ने पर भी किसानों को पैसा दिया जा रहा है और डीएसआर विधि से खेती करने पर भी.
खरीफ सीजन 2023-24 को देखते हुए मुख्यमंत्री ने भिवानी और पलवल जिलों के बाद अपने जनसंवाद कार्यक्रम का रुख धान बहुल जिले कुरुक्षेत्र की ओर किया है, जहां वे 1 से 3 मई तक कुरुक्षेत्र के बड़े गांवों में लोगों से सीधा संवाद करेंगे. मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत धान के स्थान पर कम पानी से पकने वाली फसलों का चयन करने की अपील करेंगे. ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए भू-जल बचा रह सके. धान की सीधी बिजाई करने पर पारंपरिक तरीके के मुकाबले 25 से 35 फीसदी तक पानी की बचत का दावा किया जाता है.
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कुरुक्षेत्र जिले के बन गांव निवासी 4 एकड़ जमीन के किसान अंकुर कुमार ने धान के स्थान पर 3 एकड़ में सब्जियां लगानी शुरू की. एक एकड़ से टमाटर के 1700-1800 कैरेट का उत्पादन किया, जिससे उसने सब्जियों की 13 लाख रुपये की रिकॉर्ड बिक्री की. इस सफलता का श्रेय उसने धान की खेती छोड़ने वाली स्कीम को दिया. ऐसा सीएम कार्यालय की ओर से दावा किया गया है. राज्य सरकार की अपील को मानते हुए इस किसान ने परंपरागत खेती को छोड़ा और मेरी फसल-मेरी विरासत योजना से प्रभावित होकर सब्जियों की खेती को अपनाया. सब्जियों की सिंचाई में टपका सिंचाई को अपनाया और इससे पानी की और बचत हुई. एग्री इनपुट में कमी आई और आय में इजाफा हुआ.
धान के स्थान पर मक्का, बाजरा और ज्वार जैसी फसलों का विकल्प चुनने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. जो किसान धान वाले खेत को खाली रखेंगे उन्हें भी इतनी ही रकम दी जा रही है. जीरो टीलेज मशीन से धान की सीधी बिजाई करने पर 4 हजार रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता का अलग से प्रावधान किया गया है. कुल मिलाकर बात इतनी है कि अगर आप पानी बचाने वाली फसलों की खेती करेंगे तो फायदे में रहेंगे. धान की सीधी बिजाई करने वाली मशीन खरीदने पर 40 फीसदी की सब्सिडी देने का एलान किया गया है.
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