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अब बोरिंग के बिना नहीं रुकेगी खेती, नलकूप-पंप लगाने के लिए 40000 रुपये दे रही सरकार

अब बोरिंग के बिना नहीं रुकेगी खेती, नलकूप-पंप लगाने के लिए 40000 रुपये दे रही सरकार

किसानों को उद्यान विभाग द्वारा बोरिंग पर किसानों को अधिकतम 25 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी, वहीं सबमर्सिबल मोटर पंप अधिकतम 15 हजार रुपये यानी सिंचाई के लिए कुल 40 हजार रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी.

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सूक्ष्म सिंचाई योजना सूक्ष्म सिंचाई योजना

खेती किसानी के लिए पानी सबसे महत्वपूर्ण चीज है. बिना पानी के खेती करना कल्पना से इतर है. दरअसल सिंचाई में कमी आने से किसानों की फसलों को काफी नुकसान होता है. वहीं राज्य के कई किसानों को फसलों की सिंचाई करने में काफी परेशानी होती है. इन्हीं परेशानियों को देखते हुए बिहार सरकार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत वैसे किसान जिनके पास कम से कम आधा एकड़ में भी सूक्ष्म सिंचाई यानी स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई का इस्तेमाल करना चाहते हैं और उनके पास अगर पहले से कोई बोरिंग नहीं है तो उन्हें उद्यान विभाग द्वारा बोरिंग पर और सबमर्सिबल मोटर पंप सब्सिडी दिया जाएगा. आइए जानते हैं कैसे ले सकते हैं लाभ.

किसानों को कितनी मिलेगी सब्सिडी

किसानों को उद्यान विभाग द्वारा बोरिंग पर किसानों को अधिकतम 25 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी, वहीं सबमर्सिबल मोटर पंप अधिकतम 15 हजार रुपये यानी सिंचाई के लिए कुल 40 हजार रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी. वहीं इस योजना से इस वर्ष 81 किसानों को लाभान्वित किया जाना है. जिसका लक्ष्य उद्यान निदेशालय ने तय कर दिया है. इसमें अब तक 21 आवेदन प्राप्त हुए हैं.

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सूक्ष्म सिंचाई पर भी मिल रही सब्सिडी

उद्यान विभाग द्वारा बताया गया है कि बिहार में सूक्ष्म सिंचाई पर भी 80 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को जमीन का रसीद, एलपीसी और एक फोटो के साथ आवेदन करना होगा. इसके लिए किसानों को खुद उद्यान विभाग के वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.

सूक्ष्म सिंचाई योजना का क्या है लाभ

  • इस योजना के तहत किसानों को आवश्यक जल की सुविधा मिलती है.
  • फसल की गुणवत्ता अच्छी और उत्पादन में 50 फीसदी तक बढ़ोतरी होती है.
  • खेतों में इस तकनीक से सिंचाई करने पर पानी की बचत होती है.
  • इस तकनीक से सिंचाई वाले पानी के साथ उर्वरक और कीटनाशी रसायन का प्रयोग कर सकते हैं.
  • सूक्ष्म सिंचाई के इस्तेमाल से किसानों के लागत खर्च में कमी आती है साथ ही उत्पादन में बढ़ोतरी होती है.

सूक्ष्म सिंचाई तकनीक की खासियत

सूक्ष्म सिंचाई योजना के बारे में जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि यह योजना किसानों के लिए बहुत ही उपयोगी है. इस तकनीक को अपनाकर खेती करने से लगभग 60 फीसदी तक पानी की बचत होती है. वहीं 20 से 35 फीसदी अधिक उत्पादन के साथ ही 25 से 30 फीसदी उर्वरक की खपत में कमी आती है. इसके अलावा किसानों के कृषि लागत में 30 से 35 फीसदी तक की कमी आती है.