देश में किसान धान, गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों की खेती बड़े पैमाने पर करते आ रहे हैं. हालांकि, पिछले कुछ समय से किसान मुनाफेदार पौधों की खेती की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं. इन्हीं को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार पपीता की खेती को बढ़ावा दे रही है. इसको लेकर कृषि विभाग उद्यान निदेशालय ने पटना जिले में इसे बढ़ावा देने को लेकर योजना लेकर आई है. दरअसल सरकार मुख्यमंत्री बागवानी मिशन और राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजनाओं के तहत पपीते की खेती को बढ़ाने के लिए सस्ते दरों पर पौधे दे रही है. इससे किसानों को लाखों की कमाई करने का मौका मिलेगा. आइए जानते हैं कितना मिलेगा किसानों को फायदा.
पपीते की खेती को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग ने ऐसी प्रजाति तैयार की है, जिससे एक पेड़ में 100 किलो तक का उत्पादन होगा. वहीं मार्च से आवेदन करने वाले किसानों के बीच पौधा बांटा जाएगा. इसमें किसानों को महज साढ़े छह रुपये प्रति पौधे मिलेगा. जिसमें से साढ़े चार रुपये दूसरे साल में किसानों को वापस कर दिया जाएगा. इसके लिए किसानों को पौधे को बचाकर रखना होगा.
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किसानों को पपीते की पैदावार बढ़ाने के लिए रेड लेडी प्रजाति के पौधे दिए जाएंगे. इस किस्म की खासियत ये है कि सभी पेड़ में फल लगते हैं. वहीं इस किस्म का स्वाद आम के जैसा होता है. वहीं ये किस्म पकने के बाद 10 से 12 दिनों तक खराब भी नहीं होता है.
बिहार सरकार और केंद्र सरकार यानी दोनों योजनाओं के तहत पटना जिले के पपीते की खेती करने वाले एक किसान को 500 से लेकर 10000 पौधे मिलेंगे. किसानों को इससे अधिक पौधे नहीं मिलेंगे. वहीं इसको लेकर पटना जिले के सहायक निदेशक, उद्यान ने बताया कि पटना जिले में इस योजना को लेकर पपीते की खेती के लिए किसान जागरूक हो रहे हैं.
अगर आपको पपीते की खेती करनी है तो इसके लिए खेतों की जुताई कर लें. इसके बाद एक पौधे से दूसरे पौधे की दो मीटर की दूरी भी रखें. इस तरह से एक एकड़ खेत में एक हजार पौधे लगाए जा सकते हैं. साथ ही पौधा लगाते समय मेड़ बनाकर एक-एक फुट का गड्ढा खोद लें. वहीं उसमें गोबर का खाद डालें. ऐसे करने से आपके पपीते पर छह महीने में फल आने लगेगा.
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