धान की कटाई शुरू होने के साथ ही रबी फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है. रबी सीजन में किसान गेहूं के अलावा दलहन और तिलहन फसलों की खेती करते हैं. दलहन फसलों में किसान मसूर, चना और मटर की खेती बड़े पैमाने पर होती है. ऐसे में दलहन फसलों को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने बड़ी पहल की है. राज्य में दलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग दलहन मिशन कार्यक्रम के तहत राज्य के किसानों को प्रेरित करेगा. इसके लिए 108 करोड़ रुपये की लागत से दलहन की खेती के लिए रोडमैप तैयार किया गया है.
दरअसल राज्य में मुख्य अनाज और नकदी फसलों की तुलना में दालों का उत्पादन कुछ समय से स्थिर हो गया है, जिसको देखते हुए कृषि विभाग की पोषक अनाज के साथ दलहन फसलों की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की योजना है. इसके तहत दलहन का रकबा बढ़ाने के साथ ही बीज उत्पादन और कीट प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा. दलहन की खेती को परंपरागत क्षेत्र के साथ नए क्षेत्र में मसूर और चना की फसल लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा.
दलहन मिशन कार्यक्रम में केंद्र सरकार की 60 और राज्य सरकार की 40 फीसदी हिस्सेदारी होगी. वहीं 10 वर्ष से कम उम्र वाले बीज का किसानों के बीच वितरण किया जाएगा. बीज पर किसानों को 80 फीसदी तक का सब्सिडी दिया जाएगा.
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अगर आप बिहार के किसान है और दलहन फसलों की खेती करना चाहते हैं तो बिहार सरकार द्वारा दलहन, तिलहन के बीज पर सब्सिडी दिया जा रहा है. साथ ही सरकार ने किसानों को बीज आसानी से मिल सके इसके होम डिलेवरी की व्यवस्था भी की है.
दाल शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होती है. इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और कार्बोहाइड्रेट आदि पाए जाते हैं. दाल खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है, क्योंकि ये पचने में काफी आसान होता है. रोज दाल खाना हार्ट के मरीजों के लिए लाभदायक होता है. इसको खाने से हार्ट संबंधी रोग होने की संभावना कम होती हैं. दाल शरीर को हेल्दी रखने में मदद करती हैं. इसको खाने से लंबे समय तक पेट भरा रहता है, दाल खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ बीमारियों को भी दूर करती हैं. दाल खाने से शरीर की कमजोरी और थकान दूर करने में मदद मिलती है. वहीं दालों में कई ऐसे तत्व भी पाए जाते हैं जो कैंसर से बचाव में सहायक होते हैं.
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