Jal Jeevan Mission: इस साल 5.40 लाख घरों में पहुंचा नल कनेक्शन, योजना में खर्च के मामले में ये है राजस्थान की स्थिति

Jal Jeevan Mission: इस साल 5.40 लाख घरों में पहुंचा नल कनेक्शन, योजना में खर्च के मामले में ये है राजस्थान की स्थिति

जल जीवन मिशन के तहत अभी तक 5.40 लाख जल कनेक्शन कर दिए हैं. कनेक्शन के मामले में राजस्थान देश में चौथे नंबर पर पहुंच चुका है. वहीं, खर्च के मामले में प्रदेश का स्थान देश में दूसरा है.

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Jal Jeevan Mission: इस साल 5.40 लाख घरों में पहुंचा नल कनेक्शन, योजना में खर्च के मामले में ये है राजस्थान की स्थितिइस साल 5.40 लाख घरों में पहुंचा नल कनेक्शन. फाइल फोटो- JAL JEEVAN MISSION

इस साल राजस्थान ने जल जीवन मिशन के तहत अभी तक 5.40 लाख जल कनेक्शन कर दिए हैं. कनेक्शन के मामले में राजस्थान देश में चौथे नंबर पर पहुंच चुका है. वहीं, खर्च के मामले में प्रदेश का स्थान देश में दूसरा है. जल जीवन मिशन में राजस्थान ने अब तक 17 हजार 578 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. साथ ही इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 2902 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में ये आंकड़े सामने आए हैं.

अब तक हुए 44.49 लाख कनेक्शन

जल जीवन मिशन के तहत राजस्थान में अब तक 44.49 लाख जल कनेक्शन हो चुके हैं. समीक्षा बैठक में जल स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि योजना के तहत कनेक्शन करने में अधिकारी तेजी दिखाएं. उन्होंने विभिन्न रीजन की अलग से वीसी कर एफएचटीसी की प्रगति की समीक्षा करने एवं विशेषकर उदयपुर, बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर जिलों में एफएचटीसी की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए. 

उन्होंने बताया कि 2023 में जनवरी से मार्च तक तीन महीनों में प्रदेश में 7 लाख 34 हजार 715 जल कनेक्शन किए गए थे. इस वित्तीय वर्ष में भी यही गति बरकरार रही तो राजस्थान जल कनेक्शन के मामले में काफी ऊपर आ जाएगा. डॉ. सुबोध ने जयपुर, अजमेर, हनुमानगढ़, सवाई माधोपुर एवं भरतपुर को भी एफएचटीसी की गति बढ़ाने के निर्देश दिए.

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आंगनबाड़ी, स्कूलों में भी बढ़ें कनेक्शन

मीटिंग में डॉ. सुबोध अग्रवाल ने स्कूलों, आंगनबाड़ियों और घरेलू जल कनेक्शनों की संख्या बढ़ाने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए. डॉ.अग्रवाल ने जीवाणु प्रदूषित एवं रसायनिक स्रोतों के उपचारात्मक उपाय, आंगनबाडी केन्द्रों, विद्यालयों, घरेलू जन कनेक्शनों के साथ ही ग्रामवार जल स्रोतों के गुणवत्ता परीक्षण, महिलाओं को एफटीके प्रशिक्षण आदि के बारे में जानकारी ली.

अब लापरवाही से काम में देरी पर होगी ये कार्रवाई

पिछले दिनों जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने एक बड़ी मीटिंग में ये फैसला लिया है. बतौर अग्रवाल प्रोजेक्ट्स में देरी के ठोस एवं सही कारण होने पर फर्मों को और मौका दिया जाएगा, लेकिन जिन फर्मों ने बिना किन्हीं ठोस कारणों के लापरवाही  से काम पूरा नहीं किया है, उन फर्मों को नए प्रोजेक्ट्स नहीं दिए जाएंगे. 

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अच्छी प्रोग्रेस दिखाते हुए रेड लिस्ट से बाहर आने पर ही इन फर्मों को नए प्रोजेक्ट्स मिल सकेंगे. उन्होंने 50 प्रतिशत से कम प्रो-राटा प्रोग्रेस वाली परियोजनाओं में फर्मों की ओर से अलग-अलग समय में की गई भौतिक प्रगति एवं लक्ष्य के मुकाबले किए गए खर्च की समीक्षा की. डॉ. अग्रवाल ने संबंधित इंजीनियर्स को प्रोजेक्ट्स की प्रगति के बारे में जानकारी भिजवाने के निर्देश भी दिए. 

सिर्फ 10 प्रतिशत घरों में थे जल कनेक्शन

प्रदेश में अभी तक 44.49 लाख ग्रामीण परिवारों तक नल के माध्यम से पानी पहुंच रहा है. जब राजस्थान में जल जीवन मिशन की शुरूआत हुई थी तब प्रदेश में महज 10 प्रतिशत जल कनेक्शन ही उपलब्ध थे. दिसम्बर 2019 में प्रदेश में हर घर जल कनेक्शन वाले परिवारों की संख्या 11 लाख 74 हजार 131 थी, जो अब बढ़कर 44 लाख 49 हजार हो गई है. राजस्थान के 1.08 करोड़ परिवारों में से 39.21 प्रतिशत परिवारों में नल कनेक्शन हो चुके हैं. 


 

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