राजस्थान देश में पहला राज्य बनने जा रहा है जहां मिनिमम गारंटीड बिल सरकार ला रही है. कैबिनेट ने इस बिल को अपनी सहमति दे दी है. शुक्रवार से शुरू हुए विधानसभा सत्र में यह बिल लाया जा रहा है. वहीं, सामाजिक सुरक्षा देने के लिए राज्य सरकार अब हर साल 15 प्रतिशत सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाएगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि हर व्यक्ति को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध करवाना सरकार की जिम्मेदारी है.
मिनिमम गारंटीड इनकम बिल इस दिशा में राज्य सरकार का एक और महत्वपूर्ण कदम है. इस बिल के माध्यम से अब हर साल अपने आप 15 प्रतिशत सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ेगी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लाभार्थी संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि संविधान की मूल भावना के अनुरूप हर व्यक्ति को सम्मान से जीने का हक है. राज्य सरकार यह एक्ट लाकर इसी दिशा में काम कर रही है. साथ ही हमारी सरकार ने पहले भी ऐसे प्रयास किए हैं. प्रदेश में मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना लागू कर महात्मा गांधी नरेगा योजना में 100 दिन के स्थान पर 125 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है.
इसी प्रकार राइट टू हेल्थ के रूप में ऐतिहासिक कानून बनाकर लागू किया गया है, जिसके अन्तर्गत हर व्यक्ति के इलाज की जिम्मेदारी अब सरकार की है. वहीं, प्रदेश में करीब एक करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है. दो दिन पहले ही 51 लाख लोगों को उनके बैंक खातों में पेंशन डीबीटी की गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से राजस्थान सरकार मिनिमम गारंटीड इनकम बिल लेकर आ रही है. उसी तर्ज पर केन्द्र सरकार को भी सामाजिक सुरक्षा कानून बनाकर लागू करना चाहिए.
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राजस्थान सरकार ने पिछले दिनों में प्रदेश में न्यूनतम पेंशन को अलग-अलग श्रेणियों से हटाकर न्यूनतम एक हजार रुपये किया गया है. इससे पहले बुजुर्गों को 500 और 750 रुपये पेंशन मिल रही थी. इसी पेंशन को हर साल 15 प्रतिशत बढ़ाने के लिए सरकार विधानसभा में बिल ला रही है.
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सीएम ने अपनी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार बच्चों के लिए पालनहार योजना चलाई हुई है. इसमें छह लाख बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं. इसके तहत विशेष देखरेख एवं संरक्षण वाले बच्चों को पालने की जिम्मेदारी सरकार निभा रही है. योजना के अंतर्गत बच्चों की अच्छी शिक्षा व पालन-पोषण के लिए 2500 रुपए तक की राशि प्रतिमाह दी जा रही है.
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से आयोजित महंगाई राहत कैम्पों में 10 योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. ये योजनाएं सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली हैं. प्रदेश में छात्राओं एवं विशेष योग्यजनों को स्कूटी दी जा रही है. वहीं, सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को निःशुल्क यूनिफॉर्म एवं प्रतिदिन दूध उपलब्ध करवाया जा रहा है.
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