भारत में किसानों की आर्थिक दशा और दिशा को सुधारने में मधुमक्खियों का मुख्य योगदान रहा है. दरअसल मधुमक्खियां किसानों के लिए इसलिए भी फायदेमंद हैं क्योंकि चाहे पॉलिनेशन के जरिए फसलों की उत्पादकता बढ़ाना हो, या फिर शहद उत्पादन के जरिए किसानों की आय को बढ़ाना मधुमक्खियों का इसमें अहम रोल रहता है. देश के ज्यादातर किसान वर्तमान समय में मधु क्रांति पोर्टल से जुड़कर शहद का बिजनेस भी कर रहे हैं. जहां समृद्ध किसानों के लिए मधुमक्खी पालन कर शहद निकालना या उसकी प्रोसेसिंग करना आसान होता है, वहीं छोटे और सीमांत किसानों के लिए शहद का प्रोसेसिंग यूनिट खोलना उतना ही मुश्किल हो जाता है. दरअसल छोटे किसानों को अब ऐसी परेशानियों से छुटकारा मिलने जा रहा है.
आपको बता दें कि बिहार सरकार अब अपने राज्य के किसानों को शहद के शुद्ध उत्पादन के लिए 25 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है. ये सब्सिडी शहद प्रसंस्करण उद्योग यानी शहद की प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करने के लिए दे रही है. ताकि राज्य के किसान अब खेती-किसानी के साथ-साथ शहद की खेती और उसकी प्रोसेसिंग करके अच्छी आमदनी कमा सकें.
बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति योजना (BAIPP) के तहत बिहार के किसानों को एग्री बिजनेस यानी कृषि व्यवसाय करने के लिए सब्सिडी दी जा रही है, जिसमें शहद के प्रोसेसिंग यूनिट यानी प्रसंस्करण उद्योग लगाने वाले व्यक्तिगत निवेशकों के लिए लागत राशि का 15 प्रतिशत और FPC के लिए 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी.जिसमें परियोजना लागत का 25 लाख से पांच करोड़ रुपये के निवेश राशि पर सब्सिडी दिया जाएगा.
बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत कृषि आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं मूल्य - संवर्धन शहद प्रसंस्करण उद्योग लगाने हेतु पूंजीगत अनुदान।@KumarSarvjeet6@SAgarwal_IAS@dralokghosh@Agribih@AgriGoI@abhitwittt#Horticulture #agriculture #BiharAgricultureDept #Bihar pic.twitter.com/vfGlxUrBiZ
— Directorate Of Horticulture, Deptt of Agri, Bihar (@HorticultureBih) July 19, 2023
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कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति योजना चलाई है, जिसके तहत कृषि प्रसंस्करण को मंजूरी दी गई है. सितंबर 2022 में लॉन्च हुई कृषि निवेश पॉलिसी के तहत 4 सेक्टर्स में निवेश करने के लिए राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है. इस योजना में कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिए पात्र लाभार्थियों को भी 15 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है. वहीं इस स्कीम में किसान उत्पादक समूहों को भी शामिल किया गया है. इन्हें फूड प्रोसेसिंग यूनिट की लागत पर कम से कम 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है.
यदि आप भी बिहार के किसान हैं और खेती के साथ-साथ कृषि निवेश प्रोत्साहन स्कीम से जुड़कर खुद का एग्री बिजनेस करना चाहते हैं तो अपने जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं. वहीं किसान चाहें तो बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय या बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन स्कीम की ऑफिशियल साइट पर भी विजिट कर सकते हैं. इस योजना से जुड़ी सारी जानकारी लेकर आवेदन कर सकते हैं.
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