देश के ग्रामीण इलाकों में खेती किसानी के साथ-साथ आज के समय में पशुपालन एक बहुत ही बड़ा उभरता हुआ व्यवसाय है. पशुपालन भी कृषि व्यवसाय की एक शाखा है, जिसमे कई प्रकार के पशुओं को उनके दूध, अंडे और अन्य उत्पादों के लिए पाला जाता है. वहीं पशुपालन के अंतर्गत गाय, भैंस, ऊँट, बकरी, भेड़, घोड़ा आदि का पालन किया जाता है. दरअसल देश के ग्रामीण इलाकों में बहुत से ऐसे लोग है जो पशुपालन और इससे जुड़े उद्योगों की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं. वहीं लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर काफी सारी सरकारी योजनाएं संचालित करती रहती है.
इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए हाईटेक और मिनी डेयरी स्कीम चलाई है. इस स्कीम के तहत ऐसे लोगों को सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है. आइये जाने इस स्कीम के बारे में पूरी जानकारी.
सरकार द्वारा किए गए ट्वीट के मुताबिक, हाईटेक और मिनी डेयरी स्कीम के तहत 10 दुधारू पशुओं तक की मिनी डेयरी खोलने के लिए पशु की लागत पर 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी. वहीं, 20 से अधिक दुधारू पशुओं की हाईटेक डेयरी स्थापित करने के लिए भी ब्याज में छूट दी जाएगी. साथ ही सरकार के इस स्कीम के मुताबिक अनुसूचित जाति के लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने की स्कीम के तहत 3 दुधारू पशुओं की डेयरी खोलने पर 50 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी.
हमारी सरकार ने छोटे किसानों और ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं हेतु स्वयं का काम शुरू करने के लिए हाईटेक और मिनी डेयरी स्कीम चलाई है।
— Manohar Lal (@mlkhattar) July 15, 2023
इस स्कीम के तहत 10 दुधारू पशुओं तक की मिनी डेयरी खोलने के लिए पशु की लागत पर 25% सब्सिडी और 20 से अधिक दुधारू पशुओं की हाईटेक डेयरी स्थापित करने के लिए… pic.twitter.com/rYL27xpjQq
दरअसल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मौजूदा सरकार ने राज्य में अब तक 13,244 डेयरियां स्थापित कराई है. वहीं पशुपालन के लिए पूंजी की जरूरत होती है. उस पूंजी की जरूरत को पूरा करने के लिए बैंकों से योजना बनाई है. इसके लिए विशेष योजना में पशुपालन किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू किया है. पशुपालन क्रेडिट कार्ड के तहत 1,60,000 रुपये का लोन बिना किसी सिक्योरिटी के मिलता है. वहीं 154000 पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड बैंकों द्वारा पशुपालकों को दिया जा चुका है.
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया है. इसमें उन्होंने बताया है कि अब तक दूध की खरीद के लिए 3300 सहकारी दुग्ध समितियां और 6 दूध प्रोसेसिंग के मिल्क प्लांट है. वहीं सरकार की तरफ से सहकारी दुग्ध समितियों के दुग्ध उत्पादकों को 5 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाती है.
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