इस बार सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद एक अप्रैल से नहीं बल्कि 15 मार्च से शुरू होगी. गेहूं की सरकारी खरीद दर पिछले साल से 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने के भी निर्देश हैं. जल्द खरीद शुरू करने के निर्देश जारी करने के साथ ही किसानों का पंजीकरण भी शुरू हो चुका है. इच्छुक किसान अपना ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं. विपणन विभाग को खरीद केंद्रों पर अभी से तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं.
यूपी में हर साल राज्य सरकार द्वारा एक अप्रैल से गेहूं की खरीद की जाती थी. क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य के आधार पर की जाती है. इस बार किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए एक अप्रैल के बजाय 15 मार्च से गेहूं खरीद शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं.
जिले में गेहूं खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू कर दिया गया है. किसान विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं. ईएमओ सत्य प्रकाश राय ने बताया कि यदि किसान को वेबसाइट पर पंजीकरण कराने में किसी प्रकार की असुविधा होती है तो वह समस्त अभिलेखों एवं किसान पंजीकरण संख्या के साथ लिंक मोबाइल नंबर के साथ मंडी समिति बहादुरपुर स्थित विपणन शाखा प्रभारी से संपर्क कर सकता है. आधार कार्ड में. समस्या का समाधान करा सकते हैं.
ये भी पढ़ें: Paddy Procurement : छत्तीसगढ़ में हुई धान की रिकॉर्ड खरीद, किसानों को जल्द मिलेगा बोनस का पैसा
जिन किसानों ने धान खरीद के लिए पंजीकरण कराया था, उन्हें दोबारा पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं है, वे सिर्फ रकबा बदलकर ही पंजीकरण लॉक कर सकते हैं. इस बार सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया है. पिछले साल किसानों से 2125 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदा गया था. इस साल सरकार की ओर से इसमें 150 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. इस बार गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है.
यूपी में गेहूं की खरीदी के लिए 40 केंद्र खोले जाने हैं. इस बार भारत सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. गेहूं खरीद के लिए किसानों के पंजीकरण की व्यवस्था एक जनवरी से शुरू हो गई है. पंजीकरण के लिए किसान खाद्य विभाग के पोर्टल (www.fcs.up.gov.in) पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं, पंजीकरण के लिए किसानों को जमीन, आधार नंबर और पंजीकरण के समय किसान का मोबाइल नंबर देना होगा जहां ओटीपी प्राप्त होगा.
कई बार अगर उपज बेचने के कई घंटे बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ है तो जांच लें कि किसान का बैंक खाता आधार से लिंक है या नहीं और एनपीसीआई (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) में मैप है या नहीं, अगर नहीं है तो ये जरूरी है. इसे संपन्न करें. इस बार 48 घंटे के अंदर भुगतान करने की व्यवस्था की जा रही है. उपज बिक्री का भुगतान पीएफएमएफ (सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली) के माध्यम से सीधे किसान के खाते में किया जाता है.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today