
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में 'भारत में पशु नस्लों का विकास' विषय पर आधारित वर्कशॉप का उद्घाटन किया. इस अवसर पर सीएम योगी ने गोरखपुर के कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान और पशुपालन अवसंरचना विकास निधि के तहत अमेठी, बरेली और मथुरा में तीन नई परियोजनाओं का बटन दबाकर शुभारंभ किया. साथ ही उन्होंने राज्य के पशुधन को एफएमडी (खुरपका-मुंहपका) बीमारी से मुक्त कराने की प्रतिबद्धता को एक बार फिर दोहराया.
सीएम योगी ने कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और किसानों की समृद्धि के बिना देश की खुशहाली संभव नहीं है. खेती और पशुपालन एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और डबल इंजन सरकार ने इसी सोच के तहत कई अहम कदम उठाए हैं. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश आज देश में दूध उत्पादन में पहले नंबर पर है और राज्य में पांच मिल्क प्रोड्यूसर कंपनियां सक्रिय हैं, जिनसे लाखों महिलाएं आत्मनिर्भरता की दिशा में काम कर रही हैं.
सीएम योगी ने कहा कि अलग-अलग क्षेत्रों की स्थानीय नस्लों के संरक्षण और संवर्धन पर ध्यान देने की जरूरत है. अगर सही प्रबंधन किया जाए तो यह पशुपालकों के लिए स्थायी आय का जरिया बन सकता है. योगी ने बताया कि राज्य सरकार की निराश्रित गोआश्रय नीति के तहत आज 14 लाख से अधिक गोवंश की देखभाल हो रही है. सरकार तीन स्कीमों के तहत इनका संरक्षण कर रही है- सरकारी गोशालाएं, पशुपालकों को सहयोग योजना और कुपोषित परिवारों को दुधारू गाय देने की योजना.
सीएम ने यह भी कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाया गया है. खासकर गंगा के किनारे के 27 जिलों और बुंदेलखंड के सभी जनपदों में यह अभियान अच्छे परिणाम दे रहा है. उन्होंने कहा कि केमिकल और फर्टिलाइजर के ज्यादा प्रयोग से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा है, ऐसे में गौ आधारित प्राकृतिक खेती से ही समाधान संभव है.
चारा उत्पादन पर भी ध्यान देते हुए मुख्यमंत्री ने अंबेडकर नगर के चारा उत्पादन केंद्र को एनडीडीबी को सौंपने की जानकारी दी, जिससे पशुपालकों को बेहतर चारा उपलब्ध कराया जाएगा. इसके अलावा, एनडीडीबी और राज्य सरकार के सहयोग से गोरखपुर, कानपुर और कन्नौज में डेयरी प्रोजेक्ट्स भी विकसित किए जा रहे हैं.
कार्यशाला में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ‘ललन सिंह’, राज्य मंत्री धर्मपाल सिंह, गोसेवा आयोग अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान सफल किसानों ने भी अपने अनुभव साझा किए और बताया कि सरकारी मदद से उन्हें आगे बढ़ने में मदद मिली.
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