
महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी और मुद्दों को लेकर बच्चू कडू अनशन के बाद अब पदयात्रा को लेकर राज्यभर में चर्चा में है, लेकिन इसी बीच उनकी प्रहार जनशक्ति पार्टी को अकोला जिले में बड़ा झटका लगा है. अकोट कृषि उपज मंडी में ज्वार खरीदी में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है, जिसमें पार्टी के अकोला जिलाध्यक्ष कुलदीप वसू की कंपनी का नाम उछला है. यह मामला उस वक्त और गंभीर हो गया जब विधान परिषद में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक अमोल मिटकरी ने यह मुद्दा उठाया और सरकार से कार्रवाई की मांग की. इसके जवाब में महाराष्ट्र के मार्केटिंग मंत्री जयकुमार रावल ने एसआईटी जांच की घोषणा की है.
अकोट बाजार समिति में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर ज्वार की खरीदी की प्रक्रिया चल रही थी. इसमें संत नरसिंग महाराज फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी, जिसकी अध्यक्षता प्रहार के जिलाध्यक्ष कुलदीप वसू करते हैं, को नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया था. वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता निखिल गावंडे ने घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि कई ऐसे किसानों के नाम पर खरीदी दिखाई गई है, जिन्होंने ज्वार की बुवाई ही नहीं की थी. उनके 7/12 दस्तावेजों को फोटोशॉप कर बोगस बुवाई पत्रक तैयार किया गया. वहीं, जिन किसानों ने वास्तव में ज्वार उपजाई, उनसे 1500 से 2000 रुपये प्रति क्विंटल की दाम पर ज्वार खरीदी गई और वही ज्वार सरकार को 3500 रुपये समर्थन मूल्य पर बेची गई.
बाजार समिति द्वारा नियुक्त दो एजेंसियों- तालुका खरीदी-विक्री संघ और संत नरसिंग महाराज फार्मर्स कंपनी के जरिए करीब 2300 किसानों ने खरीदी के लिए पंजीकरण कराया था. आरोप है कि वसू की कंपनी के जरिए कम से कम 180 किसानों के नाम पर बोगस खरीदी हुई. जलगाव नहाटे गांव के किसान रामेश्वर साबले ने बताया कि उन्होंने समय पर पंजीकरण किया था, लेकिन नंबर न आने के कारण उन्हें मजबूरन ज्वार एक व्यापारी को कम दामों पर बेचना पड़ा और 3500 रुपये समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल सका.
राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक अमोल मिटकरी ने यह मामला विधान परिषद में उठाया और इसे किसानों के साथ खुली लूट बताया. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री जयकुमार रावल ने एसआईटी जांच के आदेश दिए. वहीं, प्रहार पार्टी के जिलाध्यक्ष कुलदीप वसू ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि यह सब राजनीतिक साजिश है और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. अब SIT की जांच बैठी है. जल्द ही सब दूध का दूध और पानी का पानी होगा.
किसानों के हक के लिए मोझरी में उपोषण और अब अमरावती जिले के पापल से यवतमाल जिले के चिलगव्हाण तक जारी बच्चू कडू की पदयात्रा इन दिनों सुर्खियों में है. लेकिन, अकोला जिले में उन्हीं की पार्टी के नेता पर लगे किसानों के नाम पर धोखाधड़ी के आरोप ने पार्टी को बैकफुट पर ला दिया है.
प्रहार पार्टी, जो खुद को किसानों की सबसे बड़ी हितैषी बताती है, अब अपने ही जिलाध्यक्ष के फर्जीवाड़े के आरोपों के चलते कटघरे में खड़ी है. आने वाले समय में एसआईटी जांच से सच सामने आएगा, लेकिन तब तक बच्चू कडू को यह मामला भारी पड़ सकता है.
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