कश्मीर में फलों की खेती करने वाले किसानों को भी जल्द ही सरकारी सुविधाओं का फायदा मिलेगा. राज्य के कृषि, ग्रामीण विकास और पंचायती राज, सहकारिता मंत्री जावीद अहमद डार ने शनिवार को बारामूला स्थित फल मंडी कनिसपोरा का दौरा किया. यहां उन्होंने फल उत्पादक संघ के सदस्यों, प्रगतिशील बागवानों और किसानों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को समझा और उनसे सुझाव मांगे. जो एक बात बागवानी किसानों ने बताई , वह थी फलों के नुकसान का हर्जाना न मिलना. इस पर डार ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि जल्द ही इस समस्या को भी सुलझाया जाएगा.
डार ने कहा कि राज्य की सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही भरोसा दिया कि फल उत्पादकों की तरफ से उठाई गई सभी चिंताओं का समय से समाधान किया जाएगा. डार ने किसानों ने कहा कि कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने और बागवानी उत्पादों की शेल्फ लाइफ और मार्केटिंग में सुधार के लिए कोल्ड स्टोरेज क्षमता का विकास किया जा रहा है. डार ने कहा कि कृषि उत्पादन विभाग नियमों को तर्कसंगत बनाने और खेती से जुड़े नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है.
सरकार की बड़े स्तर पर फैली मदद के बारे में उन्होंने किसानों को जानकारी दी और कहा कि फल उत्पादकों के लिए मौसम आधारित फसल बीमा योजना भी जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है.उनका कहना था कि इस पहल का मकसद किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और फसल नष्ट होने वाली असुविधाओं से बचाना है. इससे कृषि क्षेत्र के लिए स्थायी आय और लचीलापन सुनिश्चित किया जा सकेगा. आपको बता दें कि हर साल अनिश्चित मौसम के चलते घाटी के बागवानी किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. मंत्री ने सिंचाई सुविधाओं की स्थिति का जायजा लेने के लिए तुजार शरीफ, हरवान, जैंगीर, जालोरा और बोमई के वर्षा आधारित क्षेत्रों सहित बारामूला जिले के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया.
साथ ही राज्य में गर्मी के मौसम में सिंचाई की सही सुविधा न होने की तरफ भी किसानों ने उनका ध्यान आकर्षित किया. इस पर डार ने कहा कि संबंधित विभागों को सही जगहों की पहचान करने और क्षेत्रों में सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाने के लिए बोरवेल के लिए डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए. गौरतलब है कि कृषि विभाग ने सिंचाई सुविधाओं में सुधार के लिए बारिश आधारित क्षेत्रों में सामुदायिक बोरवेल स्थापित करने हेतु नाबार्ड की तरफ से आर्थिक मदद वाली एक नई योजना शुरू की है. इस योजना के तहत बारिश आधारित क्षेत्रों में सिंचाई के बेहतर सुधार के लिए एचएडीपी के अंतर्गत 6200 बोरवेल स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today