Explainer: लद्दाख के रक्तसे कार्पो खुबानी में ऐसा क्या है जो मिला GI टैग

Explainer: लद्दाख के रक्तसे कार्पो खुबानी में ऐसा क्या है जो मिला GI टैग

लद्दाख का रक्तसे कार्पो खुबानी कई मायनों में खास है. इसका ऑर्गेनिक स्वाद खाने वालों का दिल जीत लेता है, उसकी मिठास दोबारा खाने के लिए प्रेरित करती है. पीला-धूसर रंग सभी को आकर्षित करता है. लद्दाख में उपजाए जाने वाले सभी फलों में इस खुबानी को राजा माना जाता है. तभी इसे जीआई टैग से नवाजा गया है.

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Explainer: लद्दाख के रक्तसे कार्पो खुबानी में ऐसा क्या है जो मिला GI टैगलद्दाख के रक्तसे कार्पो खुबानी को मिला जीआई टैग (सांकेतिक तस्वीर-Unsplash)

लद्दाख में किसी उपज को पहली बार ज्योग्राफाकिल इंडिकेशन यानी की GI टैग मिला है. जिस फल को जीआई रजिस्ट्रेशन हासिल हुआ है उसका नाम है रक्तसे कार्पो खुबानी. यह जीआई टैग अगले 20 साल के लिए है. लद्दाख के लिए यह बड़ी बात है क्योंकि पहली बार किसी प्रोडक्ट को जीआई टैग से नवाजा गया है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. गोयल ने ट्वीट में लिखा, 'लद्दाख को मिला अपना पहला जीआई टैग, अब रक्तसे कार्पो खुबानी का बढ़ेगा पूरी दुनिया में स्वैग'. इस खुबानी में कुछ तो खास होगा जिसके चलते उसे जीआई टैग मिला है. आइए इसके बारे में जानते हैं.

हाल में देश के 9 आइटम ऐसे हैं जिन्हें जीआई टैग मिला है. उनमें एक रक्तसे कार्पो खुबानी भी है. आपको जानकर हैरानी होगी कि लद्दाख में 30 से अधिक प्रकार के खुबानी उगाए जाते हैं, लेकिन रक्तसे कार्पो इन सबमें खास है. खुबानी का स्थान सूखे मेवे में आता है जिसकी मांग देश-विदेश में खूब है. रक्तसे कार्पो की सबसे बड़ी विशेषता उसकी मिठास और चमकदार पीला-धूसर रंग है. इसका अंदर का हिस्सा सफेद होता है जो लोगों को बहुत आकर्षित करता है.

ऐसे मिला जीआई टैग

रक्तसे कार्पो खुबानी को मिले जीआई टैग के पीछे एक लंबी तैयारी रही है. लद्दाख के यूनियन टेरिटरी बनने के बाद खुबानी की खेती को बढ़ाने और उसकी क्वालिटी पर जोर देने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई. इस एक्सपर्ट कमेटी ने रक्तसे कार्पो खुबानी पर अपनी सिफारिश दी. इस सिफारिश के आधार पर लद्दाख के बागवानी विभाग ने जीआई टैग लेने की तैयारी शुरू की. इसमें लेह स्थित डीआरडीओ के डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टीट्यूड रिसर्च का भी साथ लिया गया. इसमें खुबानी की खेती करने वाले सभी समुदायों का सहयोग लिया गया.

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लद्दाख में जितने भी प्रोडक्ट बेचे जाते हैं, उनमें रक्तसे कार्पो खुबानी प्रीमियम प्रोडक्ट में आता है. एक बड़ी वजह ये भी है जिसे ध्यान में रखते हुए रक्तसे कार्पो को जीआई रजिस्ट्रेशन दिया गया है. लद्दाख में बड़ी मात्रा में खुबानी की बागवानी होती है जिसमें लेह और करगिल जिले खास हैं. पूरे लद्दाख में 9 तरह के फल उगाए जाते हैं जिनमें सबसे महत्वपूर्ण स्थान रक्तसे कार्पो खुबानी का है. करगिल में इस फल को 'एक जिला एक उत्पाद' में शामिल किया गया है जिससे इसे बढ़ावा मिल रहा है. जीआई टैग मिलने से लद्दाख के रक्तसे कार्पो खुबानी की पहचान वैश्विक हो गई है. अब इसकी मांग ऊंची कीमतों पर बढ़ेगी जिसका सीधा फायदा लद्दाख के किसानों को होगा.

क्या है जीआई टैग

रक्तसे कार्पो खुबानी को मिले जीआई टैग के साथ ही पूरे देश में जीआई की संख्या 432 हो गई है. इस खुबानी के अलावा लद्दाख के और भी कई प्रोडक्ट का आवेदन किया गया है जिसे बाद में मान्यता मिल सकती है. जीआई में मुख्य तौर पर कृषि, प्राकृतिक और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट जैसे कि हैंडीक्राफ्ट और इंडस्ट्रियल सामान आते हैं. वैसे प्रोडक्ट को ही जीआई टैग मिलता है जो किसी खास भौगोलिक क्षेत्र में उगाया जाता है. जीआई टैग उसी प्रोडक्ट को मिलता है जिसकी क्वालिटी और पहचान खास होती है. 

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जीआई प्रोडक्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए एक उचित प्रक्रिया है, जिसमें आवेदन दाखिल करना, शुरुआती जांच और टेस्टिंग, कारण बताओ नोटिस, ज्योग्राफिकल इंडिकेशन जर्नल में प्रकाशन आदि शामिल हैं. डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टीट्यूड रिसर्च (DIHAR) के अनुसार, रक्तसे कार्पो का TSS (कुल घुलनशील ठोस) 37.9ºBrix है, जो आज तक के ताजा खुबानी में दुनिया में सबसे ज्यादा दर्ज किया गया है. टीएसएस मिठास के बारे में बताता है, जो कई प्रकार के फलों में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला क्वालिटी इंडेक्स है.

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