देश में रक्षाबंधन के साथ ही अन्य कई त्योहार आने वाले हैं. हमारे देश में त्योहारों के समय घर में मिठाइयां बनाने की परंपरा सालों पुरानी रही है. अगर आप भी त्योहारों में दूध और शक्कर से घर पर ही मिठाइयां बनाते हैं या बाजार से भी खरीदते हैं तो ये खबर आपके लिए है. आपको बता दें कि 31 जुलाई तक चीनी मिलों के पास 90.58 लाख टन चीनी का स्टॉक था, जिसमें से सरकार ने 22.5 लाख टन घरेलू बाजार में बिक्री के लिए आवंटित किया था. उस हिसाब से इस महीने के अंत तक चीनी मिलों के पास 68 लाख टन के आसपास का स्टॉक शेष रह सकता है, जिसके कारण आगामी त्योहारी सीजन में चीनी की आपूर्ति एक समस्या का विषय बन सकता है.
चीनी मिल के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले साल सरकार ने अगस्त में 22 लाख टन और सितंबर में 23.5 लाख टन बिक्री के लिए आवंटित किया था. इस साल अगस्त का कोटा पहले से ही अधिक है, अगर सितंबर का कोटा पिछले साल के बराबर भी रखा जाता है तो भी अगस्त-सितंबर के दौरान कर्नाटक और तमिलनाडु में 12 लाख टन ताजा चीनी उत्पादन को ध्यान में रखते हुए 30 सितंबर तक स्टॉक लगभग 46 लाख टन हो सकता है जो कि पिछले साल 79 लाख टन था.
आपको बता दें कि आपूर्ति की स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि सीजन 2024-25 में शुद्ध उत्पादन घटकर 261 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि घरेलू खपत ही 280 लाख टन के आसपास है.
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30 जून को चीनी का राष्ट्रीय समापन स्टॉक 112 लाख टन था और जुलाई का कोटा 22 लाख टन था. इससे पता चलता है कि जुलाई कोटे की लगभग पूरी मात्रा बिक चुकी है. क्योंकि रक्षाबंधन से शुरू होने वाले त्योहारी सीजन से पहले मांग बढ़ गई है.
बायोएनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने 31 जुलाई को कहा कि त्योहारी मांग को पूरा करने के लिए घरेलू उपलब्धता पर्याप्त है. क्योंकि 52 लाख टन के कैरीफॉरवर्ड स्टॉक के साथ-साथ नवंबर से ताजा उत्पादन आना शुरू हो जाएगा. ISMA ने ये भी कहा कि 2024-25 में सकल उत्पादन 349.01 लाख टन हो सकता है, जो 295.07 लाख टन से 18 फीसदी अधिक है. इसने सरकार से 20 लाख टन के निर्यात की अनुमति देने और इथेनॉल की दिशा मोड़ने के लिए 50 लाख टन आवंटित करने का आग्रह भी किया.
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