बाड़मेर का जीरा और जोधपुर का ग्वार...ट्रंप के टैरिफ से कई किसान हलकान, कमाई का क्या होगा?

बाड़मेर का जीरा और जोधपुर का ग्वार...ट्रंप के टैरिफ से कई किसान हलकान, कमाई का क्या होगा?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 परसेंट का आयात शुल्क लगाया है. इससे व्यापार जगत में चिंता है क्योंकि भारत से कई सामान अमेरिका निर्यात होते हैं. इसमें बाड़मेर का जीरा और जोधपुर का ग्वार भी शामिल है. ट्रंप के फैसले से इन दोनों कृषि उत्पादों के निर्यात पर असर पड़ सकता है.

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बाड़मेर का जीरा और जोधपुर का ग्वार...ट्रंप के टैरिफ से कई किसान हलकान, कमाई का क्या होगा?ट्रंप के टैरिफ का असर जीरे के निर्यात पर पड़ सकता है

टैरिफ को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एकतरफा ऐलान से पूरी दुनिया में हड़कंप है. व्यापार जगत सकते में है कि आगे क्या होगा. कैसा होगा बाजार और व्यापार का रुख. इसके अलावा किसानों में भी चिंता है कि टैरिफ का असर उन कृषि उत्पादों पर कैसा होगा जिस पर टैरिफ की मार पड़ी है. इसी में राजस्थान के जोधपुर और बाड़मेर के किसान भी हैं जिनका जीरा और ग्वार भारी मात्रा में अमेरिका सप्लाई होता है. किसानों में चिंता है कि 25 परसेंट आयात शुल्क बढ़ने से निर्यात प्रभावित होगा. इस लिहाज से किसान की कमाई भी घटेगी. 

राजस्थान के दो जिले बाड़मेर और जोधपुर क्रमश: जीरा और ग्वार की खेती के लिए जाने जाते हैं. यहीं नहीं, इन दोनों जिलों के किसानों का जीरा और ग्वार अमेरिका में बड़े स्तर पर निर्यात होता है. राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से भारत पर 25 परसेंट का आयात शुल्क लगाने के बाद यहां के किसानों में चिंता की लहर है. बाड़मेर देश का सबसे अधिक जीरा पैदा करने वाला जिला है. भारत से लगभग हर साल 1.84 लाख मीट्रिक टन जीरा अमेरिका जाता है जिसमें 50 फीसद हिस्सेदारी जोधपुरी जीरे की होती है. इसी तरह ग्वार का भी निर्यात होता है. लेकिन टैरिफ लगने के बाद निर्यात गिरने और किसानों के नुकसान की आशंका है.

जीरा की खेती और निर्यात पर असर

पिछले साल की बात करें तो भारत से अमेरिका को 1.84 लाख मीट्रिक टन जीरा निर्यात किया गया जिसमें 90 फीसद हिस्सेदारी अकेले राजस्थान की थी. राजस्थान में भी 50 फीसद हिस्सेदारी अकेले बाड़मेर की थी. इससे अंदाज लगाना आसान है कि ट्रंप के 25 परसेंट आयात शुल्क लगाने के बाद जीरा के निर्यात पर कितना व्यापक असर होने की आशंका है. इस आशंका में बाड़मेर के किसान परेशान हैं कि उनकी उपज का क्या होगा. किसानों का कहना है कि आयात शुल्क बढ़ने से जीरा का रेट बढ़ेगा जिससे मांग में कमी आएगी. मांग में कमी आने से कमाई घटेगी. किसान इसी चिंता में परेशान हैं. जब तक उन्हें विकल्प के तौर पर कोई दूसरा देश नहीं मिल जाता, तब तक उनकी मुसीबत कम होने का नाम नहीं लेने वाली है.

गुजरात की मंडी में भी चिंता

राजस्थान के जीरा की चिंता केवल राजस्थान तक नहीं है बल्कि उसका असर गुजरात तक देखा जा रहा है. दरअसल, राजस्थआन का जीरा गुजरात की ऊंझा मंडी में जाता है. वहां से कई देशों में निर्यात किया जाता है. इसे देखते हुए ऊंझा मंडी के व्यापारी भी परेशान हैं कि राजस्थान के जीरे की मांग कम हो जाएगी. व्यापारियों में अभी से चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं. व्यापारी बताते हैं कि केवल बाजार और कारोबार ही प्रभावित नहीं होगा बल्कि किसान के खेत तक इस आयात शुल्क का असर देखा जाएगा. उनका कहना है कि जब मांग घटेगी तो किसान जीरे की खेती कम करेंगे. इससे घरेलू मार्केट में इसकी कमी हो सकती है. लिहाजा आने वाले समय में जीरे के भाव बढ़ सकते हैं.

ग्वार और रोजगार की बढ़ेगी परेशानी

बाड़मेर के जीरे की तरह राजस्थान का जोधपुर ग्वार की खेती और निर्यात के लिए जाना जाता है. यहां से बड़ी मात्रा में ग्वारगम की सप्लाई अमेरिका जैसे देशों में होती है. मार्केट में ग्वारगम की चाल पहले से ही धीमी है. ऐसे में ट्रंप के टैरिफ के बाद इस बाजार में सनसनी फैल गई है. अभी से ग्वार को लेकर व्यापारी और किसानों में चिंता है. जोधपुर की तरह बाड़मेर में भी ग्वार की बड़े पैमाने पर खेती होती है और यहां ग्वारगम की कई फैक्ट्रियां हैं. इसे देखते हुए चिंता बढ़ गई है कि आयात शुल्क बढ़ने के बाद इन फैक्ट्रियों का क्या होगा. इन फैक्ट्रियों के रोजगार का क्या होगा.

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