CIRG: बकरियों की मेंगनी-यूरिन से भी होती है बीमारी की पहचान, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट 

CIRG: बकरियों की मेंगनी-यूरिन से भी होती है बीमारी की पहचान, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट 

बकरी पालन में पशुपालक को सबसे ज्यादा नुकसान बकरियों की मृत्यु से होता है. एक्सपर्ट का कहना है कि अगर छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर बकरियों की निगनानी की जाए तो बकरियों को होने वाली बीमारी का पहले से ही पता लगाया जा सकता है. 

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CIRG: बकरियों की मेंगनी-यूरिन से भी होती है बीमारी की पहचान, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट बकरी का प्रतीकात्मक फोटो.

यह कोई जरूरी नहीं कि बकरी का चेकअप होने के बाद ही पता चलेगा कि उसे डॉक्टर और दवाई की जरूरत है. अगर आप अपनी बकरियों के बाड़े में लगातार नजर रखते हैं, तो समय-समय पर आपको भी पता चल सकता है कि आपकी बकरी बीमार है या फिर बीमार होने वाली है. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के साइंटिस्ट की मानें तो सिर्फ बकरी की मेंगनी और उसके यूरिन को देखकर ही बीमारी का पता लगाया जा सकता है. ऐसे में डॉक्टर के पास जाने से पहले मेंगनी और यूरिन की जांच भी कराई जा सकती है. 

सीआईआरजी के डायरेक्टर मनीष कुमार चेटली का कहना है कि यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाउंडेशन (YREF) गाजीपुर, यूपी के साथ एक करार किया गया है. यह संस्था बकरी पालकों को साइंटिफिक तरीके से बकरी पालन के गुर बताएगी. पुराने तरीकों से हटकर बकरी को रखने के शेड, चारा, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान आदि के बारे में साइंटिफिक तरीके से जानकारी दी जाएगी. साथ ही संस्था उन युवाओं को सीआईआरजी के साथ जोड़ने का काम करेगी जो बकरी पालन करना चाहते हैं.

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मेंगनी से ऐसे पता चलता है कि बकरी को डायरिया होने वाला है 

सीआईआरजी के प्रिंसीपल साइंटिस्ट डॉ. आरएस पवैया ने किसान तक को बताया कि अगर बकरी गोल, चमकदार और सॉलिड मेंगनी कर रही है, तो समझ लिजिए कि आपकी बकरी का पेट बिल्कुल ठीक है. मतलब बकरी हेल्दी है. लेकिन, अगर बकरी की मेंगनी आपस में चिपकी हुई और गुच्छे की शक्ल में आ रही है तो फौरन अलर्ट हो जाइए कि आपकी बकरी बीमार होने वाली है.

अगर मेंगनी पेस्ट जैसी हो रही है तो यह तय मान लिजिए कि बकरी की आंत में किसी न किसी तरह का इंफेक्शन हो चुका है. या फिर बकरी डायरिया की चपेट में आ चुकी है. ऐसे में सबसे पहला काम यह होना चाहिए कि पशुपालक उन मेंगनी को एक जिप वाली पॉलीथिन में भरकर पशु चिकित्सा  से जुड़ी किसी लैब में ले जाकर उसकी जांच कराएं. 

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यूरिन से भी चलता है बीमारियों का पता   

डॉ. आरएस पवैया ने यह भी बताया कि यूरिन की निगरानी से भी बहुत सारी बीमारियां पहले से पता चल जाती हैं. पशुपालकों को हमेशा या याद रखना चाहिए कि अगर बकरी का यूरिन भूसे यानी हल्के पीले रंग का है तो वो सामान्य है. अगर गहरे पीले रंग का यूरिन आ रहा है तो इसका मतलब बकरे या बकरी ने कम पानी पिया है और उन्हें डिहाइड्रेशन है और अगर यह रंग और ज्यादा गहरा पीला हो जाए और उसमे लालपन आने लगे तो समझ जाइए कि बकरी और बकरे के यूरिन की जगह पर कोई चोट लगी है. और अगर कभी यूरिन कॉफी कलर का आने लगे तो समझिए कि उसके खून में इंफेक्शन है. ऐसे हालात में बकरी को फौरन ही किसी डॉक्टर को दिखाना चाहिए. 

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