मूली (Radish) भारतीय रसोई की सबसे आम और पसंदीदा सब्ज़ियों में से एक है. चाहे परांठे हों, सलाद हो या अचार. मूली हर जगह फिट बैठती है. अच्छी बात यह है कि इसे घर की क्यारी या गमले में आसानी से उगाया जा सकता है और यह बहुत जल्दी तैयार भी हो जाती है. आइए जानते हैं कि मूली को घर पर कैसे उगाया जाए.
- मूली ठंडे मौसम की फसल है.
- सितंबर से लेकर फरवरी तक इसका बीज बोना सबसे अच्छा रहता है.
- सर्दियों में मूली की जड़ सफ़ेद, मुलायम और मीठी होती है.
- मूली की जड़ें गहराई में जाती हैं, इसलिए मिट्टी नरम और भुरभुरी होनी चाहिए.
- क्यारी या गमले की मिट्टी को अच्छी तरह खोदकर उसमें **गोबर की खाद या कम्पोस्ट** मिलाएँ.
- मिट्टी हल्की रेतीली और पानी निकालने वाली हो तो मूली की जड़ सीधी और लंबी निकलती है.
- मिट्टी में नमी बनी रहे लेकिन पानी जमा न हो.
1. क्यारी या गमले में 1 फीट की दूरी पर लाइन बनाएं.
2. बीज को आधा इंच गहराई पर बोएं और ऊपर से हल्की मिट्टी डाल दें.
3. बीजों के बीच 2–3 इंच का gap रखें.
4. हल्का पानी छिड़क दें ताकि मिट्टी नम रहे.
- बीज बोने के बाद रोज़ हल्की सिंचाई करें जब तक अंकुर न आ जाएं.
- पौधे थोड़े बड़े होने के बाद 2–3 दिन में एक बार पानी देना काफी है.
- अगर पौधे बहुत पास-पास हों तो thinning (छंटाई) कर दें ताकि हर मूली को जगह मिल सके.
- खरपतवार (घास-फूस) नियमित रूप से हटाते रहें.
मूली को धूप पसंद है. इसे ऐसी जगह रखें जहां रोज़ाना कम से कम 5–6 घंटे धूप मिले.
- मूली बहुत तेजी से उगने वाली सब्ज़ी है.
- किस्म के हिसाब से 40–60 दिन में मूली तोड़ने लायक हो जाती है.
- छोटी और मुलायम मूली सबसे स्वादिष्ट होती है.
- पत्ते भी 25–30 दिन बाद इस्तेमाल किए जा सकते हैं (साग बनाने में).
- मूली पाचन को बेहतर करती है और शरीर से toxins निकालती है.
- इसमें विटामिन C, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होता है.
- घर पर उगाई मूली ऑर्गैनिक और केमिकल-फ्री होती है.
- एक गमले या क्यारी में कई बार लगातार बीज बोकर पूरी सर्दियों मूली खाई जा सकती है.
लिहाज़ा अब आपको बाज़ार से मूली खरीदने की ज़रूरत नहीं. अब आप अपने घर में ही मूली उगाइए और सर्दियों में मज़ेदार मूली परांठे और ताज़ा सलाद का मज़ा लीजिए.
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