Tomato Farming: टमाटर की फसल में मिलेगा बंपर मुनाफा, बस खेत में डाल दे ये एक जादुई चीज!

Tomato Farming: टमाटर की फसल में मिलेगा बंपर मुनाफा, बस खेत में डाल दे ये एक जादुई चीज!

Tomato Farming: टमाटर की फसल में अक्सर रूट-नॉट नेमाटोड, फफूंद और सफेद मक्खी जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं. नीम का पाउडर इन सभी रोगों और कीटों पर प्राकृतिक ढाल की तरह काम करता है. किसान अगर बुवाई के समय खेत में नीम पाउडर मिलाएं तो फसल की शुरुआती अवस्था से ही कीटों का असर कम हो जाता है. 

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Tomato Farming: टमाटर की फसल में मिलेगा बंपर मुनाफा, बस खेत में डाल दे ये एक जादुई चीज! tomato farming tips: टमाटर की फसल में होगा मुनाफा ही मुनाफ

खेती में जैविक तरीकों का महत्व तेजी से बढ़ रहा है. टमाटर जैसी नकदी फसलों में किसान अब रासायनिक खाद और कीटनाशकों पर निर्भर रहने की बजाय प्राकृतिक विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि नीम का पाउडर टमाटर की फसल के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. यह न केवल पौधों को बीमारियों से बचाता है बल्कि मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और कीटों को नियंत्रित करने में भी अहम भूमिका निभाता है. 

किसानों को होता है क्या फायदा 

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि नीम पाउडर का इस्तेमाल करने से टमाटर की पैदावार 15 से 20 फीसदी तक तक बढ़ सकती है. साथ ही, किसानों को बार-बार महंगे रासायनिक कीटनाशक खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती. इससे खेती की लागत कम होती है और मुनाफा बढ़ता है. कुल मिलाकर आप नीम के पाउडर को टमाटर की खेती के लिए सस्ता, सुरक्षित और टिकाऊ समाधान मान सकते हैं. यही कारण है कि आज बड़े पैमाने पर किसान जब ऑर्गेनिक फार्मिंग की तरफ बढ़ रह हैं तो नीम के उत्पादों का इस्तेमाल ज्‍यादा से ज्‍यादा कर रहे हैं. 

नीम पाउडर क्यों है खास?

नीम के बीजों से तैयार पाउडर में प्राकृतिक रूप से कीटनाशक और फफूंदनाशक गुण पाए जाते हैं. इसमें मौजूद एजाडिरैक्टिन नामक तत्व पौधों के लिए हानिकारक कीटों की वृद्धि को रोकता है. यही कारण है कि यह पाउडर टमाटर की जड़ों को मजबूती देने, मिट्टी में मौजूद हानिकारक कीटों को मारने और फसल को लंबी अवधि तक सुरक्षित रखने में मदद करता है. 

इसके अलावा नीम का पाउडर केवल कीटनाशक का काम नहीं करता बल्कि यह मिट्टी की संरचना सुधारने में भी कारगर है. टमाटर की खेती में जहां लगातार रासायनिक उर्वरक डालने से मिट्टी सख्त और बंजर होने लगती है, वहीं नीम पाउडर डालने से मिट्टी मुलायम और पोषक तत्वों से भरपूर रहती है. इसमें मौजूद कार्बनिक तत्व मिट्टी में नमी बनाए रखते हैं और पौधों को संतुलित पोषण देते हैं.

रोग और कीट नियंत्रण

टमाटर की फसल में अक्सर रूट-नॉट नेमाटोड, फफूंद और सफेद मक्खी जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं. नीम का पाउडर इन सभी रोगों और कीटों पर प्राकृतिक ढाल की तरह काम करता है. किसान अगर बुवाई के समय खेत में नीम पाउडर मिलाएं तो फसल की शुरुआती अवस्था से ही कीटों का असर कम हो जाता है. 

कैसे करें इसका प्रयोग 

  • टमाटर की नर्सरी या मुख्य खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ लगभग 50 से 100 किलो नीम पाउडर मिट्टी में अच्छी तरह मिलाना चाहिए. 
  • पौधों की रोपाई करते समय हर गड्ढे में 50-100 ग्राम नीम पाउडर डालकर पौधा लगाएं.
  • इससे जड़ों को सीधा पोषण मिलेगा और कीटों से बचाव होगा. 
  • गोबर की खाद या कंपोस्ट के साथ नीम पाउडर मिलाने से इसका असर और बढ़ जाता है. 
  • यह न केवल पौधों को पोषण देगा बल्कि उर्वरक की क्षमता को भी लंबे समय तक बनाए रखेगा. 
  • फसल की वृद्धि के दौरान 30-40 दिन बाद फिर से पौधों के आसपास नीम पाउडर डालें. 
  • ऐसे करने से मिट्टी में सक्रिय कीटों का नियंत्रण किया जा सकता है. 
     

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