मथुरा में रिफाइनरी तो पहले से है ही, लेकिन जल्दस ही मथुरा में गैस भी बनाई जाएगी. अडानी कंपनी मथुरा के बरसाना में सीएनजी गैस बनाने के प्लान पर काम कर रही है. आने वाले एक-डेढ़ साल में सीएनजी गैस प्लांट काम करने लगेगा. यहां बनी सीएनजी भी सप्लाई होने लगेगी. इसके लिए कंपनी ने बरसाना में रमेश बाबा की श्रीमाता गौशाला के साथ करार किया है. प्लांट गौशाला की जमीन पर बन रहा है. साथ ही गौशाला से हर रोज निकलने वाला गोबर भी प्लांट में ही जाएगा.
एक्सपर्ट की मानें तो अडानी टोटल गैस लिमिटेड गौशाला से निकलने वाले गोबर से सीएनजी बनाएगी. साथ ही गैस बनने के बाद बचे लिक्विड गोबर से खाद बनाकर बेची जाएगी. 13 एकड़ में लगने वाले इस प्लांट में रोजाना गौशाला का गोबर तो इस्तेमाल होगा ही साथ ही आसपास के किसानों से भी गोबर खरीदा जाएगा.
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श्रीमाता गौशाला के सेवादार ब्रजेंद्र शर्मा ने किसान तक को बताया कि गौशाला का अडानी की कंपनी से समझौता हुआ है. समझौते के तहत गौशाला ने कंपनी को जमीन दी है. साथ ही हर रोज गौशाला से निकलने वाला टनों गोबर भी दिया जाएगा. इसके बदले कंपनी जमीन का किराया और गोबर का भुगतान करेगी.
इतना ही नहीं गोबर से बनी सीएनजी बेचने के बाद जो पैसा आएगा उसमे से कुछ हिस्सा कंपनी गायों की सेवा पर भी खर्च करेगी. प्लांट को तैयार करने में करीब 200 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. गौशाला का कंपनी के साथ 20 साल का एक समझौता भी हुआ है.
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एक्सपर्ट की मानें तो 40 टन गोबर की क्षमता वाले किसी भी प्लांट में 750 से 800 किलो तक सीएनजी तैयार की जा सकती है. इसी तरह का एक प्लांट गुजरात में अमूल कंपनी भी चला रही है. हरियाणा की वीटा डेयरी कंपनी भी नारनौल में एक ऐसा ही प्लांट लगाने की तैयारी कर रही है. अच्छी बात यह है कि गोबर से सीएनजी बनाने के साथ ही बचे हुए लिक्विड गोबर से आर्गनिक डीएपी भी बनाई जा सकेगी.
किसान तक की टीम जब बरसाना, मथुरा में श्रीमाता गौशाला पहुंची तो देखा कि गौशाला के एक हिस्सेब में बॉयो गैस प्लांट भी लगा हुआ है. मालूम हुआ कि इस प्लांट में रोजाना 35 टन गोबर से बॉयो गैस बनाई जा रही है. सर्दियों में गैस बनाने का काम कम किया जाता है. जानकारों ने बताया कि यहां हर रोज बनने वाली गैस से गौशाला का 100 केवी का जनरेटर चलाया जाता है. इस जनरेटर से गौशाला को बिजली सप्लाई की जाती है.
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