एक किसान के लिए मौसम में थोड़ी सी भी गड़बड़ी फसल के लिए वरदान भी बन सकती है और नुकसान का कारण भी. खासकर जब बात प्याज और आलू जैसी मौसम-संवेदनशील फसलों की हो. मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के रहने वाले 21 वर्षीय रोहित पटेल एक आम किसान नहीं हैं. उन्होंने एक अनोखा तरीका खोज निकाला है जिससे वे अपनी प्याज की फसल को कुछ महीनों तक सुरक्षित रख सकते हैं और इससे 10 गुना तक मुनाफा कमा रहे हैं.
प्याज की फसल आमतौर पर मार्च या अप्रैल में तैयार होती है. इस समय किसान को प्याज की कीमत मात्र 2-3 रुपये प्रति किलो मिलती है. लेकिन अगर वही प्याज किसान मॉनसून तक रोक ले, तो इसकी कीमत 35 रुपये किलो तक पहुंच सकती है. इसीलिए कई किसान फसल को कुछ महीनों तक स्टोर करके रखते हैं ताकि अच्छे दाम मिल सकें.
महंगे कोल्ड स्टोरेज की वजह से किसान अपनी फसल को घरों या गोदामों में स्टोर करते हैं. लेकिन इस दौरान फसल को गर्मी, नमी, चूहे और कीड़ों से बहुत नुकसान हो सकता है.
रोहित ने चार साल की मेहनत के बाद एक देसी स्टोरेज सिस्टम तैयार किया. इसमें उन्होंने बिना खिड़कियों वाले कमरे में 8 इंच ऊँची ईंटों की कतारें बनाई. इन पर लोहे की जाली बिछाई और उसके ऊपर प्याज फैलाए.
हर 100 स्क्वायर फीट में नीचे से ऊपर तक पाइपनुमा गड्ढे बनाए गए. ऊपर एग्जॉस्ट फैन लगाए गए जो प्याज के नीचे से ठंडी हवा फेंकते हैं. इससे प्याज के बीच हवा चलती रहती है और सड़ने की संभावना बहुत कम हो जाती है.
रोहित बताते हैं कि जब प्याज को एक जगह ढेर में रखा जाता है, तो उनके बीच की गर्मी से प्याज सड़ने लगता है. लेकिन इस तकनीक से अब 80% तक प्याज बच जाता है. पहले जहां 10 में से 6-7 प्याज सड़ जाते थे, अब मुश्किल से 1-2 ही खराब होते हैं.
पहले रोहित 3000 क्विंटल प्याज बेचकर मात्र 90,000 रुपये कमाते थे. लेकिन इस जुगाड़ स्टोरेज तकनीक के इस्तेमाल से उन्होंने पिछले साल एक करोड़ पांच लाख रुपये कमाए. यानी करीब 96 लाख रुपये का मुनाफा!
रोहित की यह तकनीक एक मिसाल है कि कम खर्च में भी बड़ी सफलता पाई जा सकती है. अगर छोटे किसान भी इस तरह की जुगाड़ तकनीक अपनाएं, तो वे भी मौसम का फायदा उठाकर अपने मुनाफे को कई गुना बढ़ा सकते हैं.
जहां एक ओर मौसम का उतार-चढ़ाव किसान के लिए चिंता का विषय रहता है, वहीं रोहित जैसे नवाचार से भरे युवा किसान उम्मीद की किरण हैं. उनका यह देसी स्टोरेज सिस्टम देशभर के किसानों के लिए प्रेरणा बन सकता है.
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