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Poultry: मलेशिया को दो महीने में भेजे गए 1.5 करोड़ अंडे, इस वजह से देश में बढ़े हैं भाव

Poultry: मलेशिया को दो महीने में भेजे गए 1.5 करोड़ अंडे, इस वजह से देश में बढ़े हैं भाव

अंडे की खपत बढ़ाने के लिए नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमेटी (एनईसीसी) संडे हो या मंडे, रोज खाएं अंडे सरीखे विज्ञापन भी चला रही है. वहीं एग प्रोडक्शन में टॉप 5 स्टेट में तमिलनाडु, आंध्रा प्रदेश और तेलंगाना भी शामिल है.

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अंडे का प्रतीकात्मक फोटो. अंडे का प्रतीकात्मक फोटो.

अंडों के नवंबर में दिसम्बर वाले रेट और दिसम्बर में जनवरी वाले रेट मिले तो पोल्ट्री फार्मर की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. जनवरी में तो पीछे के सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए अंडा 600 रुपये सैंकड़ा को भी पार कर गया. 15 साल से भी ज्यादा वक्त में पहली बार अंडा 600 रुपये के रेट पर बिका है. जानकारों का कहना है कि मलेशिया के बाजार में आने से भी अंडा बाजार को रफ्तार मिली है. मलेशिया ने नमक्कल, तमिलनाडु के अंडा बाजार में दस्तक दी है. नमक्कल को एग बास्केट भी कहा जाता है. मलेशिया को दिसम्बर 2022 से अंडा एक्सपोर्ट शुरू हुआ है. दिसम्बर में 5 मिलियन, जनवरी में 10 मिलियन अंडा मलेशिया को एक्सपोर्ट किया गया है. इस तरह दो महीने में मले‍श‍िया को 1.5 करोड़ अंडे भेजे गए हैं. उम्मीद है फरवरी में अंडों का एक्सपोर्ट 15 मिलियन तक पहुंच जाएगा. 

केन्द्रीय मत्सय, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के प्रति व्यक्ति के हिस्से में हर साल 90 अंडे आते हैं. जबकि आंध्रा प्रदेश में प्रति व्यक्ति 475, तेलंगाना 423 और तमिलनाडु में 265 अंडे प्रति व्यक्ति के हिस्से में आते हैं. हालांकि देश का लक्ष्य 180 अंडे प्रति व्यक्ति का है.  

इसलिए भारतीय अंडा बाजार में आया मलेशिया

पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष रिकी थापर ने किसान तक को बताया कि यह कोई पहला मौका नहीं है कि भारत से अंडा एक्सपोर्ट हो रहा है. अरब देशों में भी अंडा एक्सपोर्ट होता है. मलेशिया भी अगर भारत से अंडा खरीदने आया है तो उसकी एक सबसे बड़ी वजह है अंडे का सस्ता होना. क्योंकि हमारे देश में दूसरे देशों के मुकाबले पोल्ट्री फीड सस्ती है. जिन सभी आइटम से फीड बनती है वो सभी हमारे अपने देश में ही होते हैं.

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किसी भी चीज को हमे इम्पोर्ट नहीं करना पड़ता है. दूसरा यह कि हमारे यहां लेबर सस्ती है. जबकि दूसरे देशों में दोनों ही चीजें महंगी हैं. वहीं एक वजह यह भी है कि चीन अंडा उत्पादन में बड़ा देश है. लेकिन अब वहां न्यू ईयर की तैयारी चल रही है. काफी पहले से ही वहां काम-धंधे स्लो हो जाते हैं. 

रिकी थापर ने यह भी बताया कि ऐसा नहीं कि अगर मलेशिया नमक्कल से अंडा खरीद रहा है तो तमिलनाडु को ही इसका फायदा मिलेगा. इसे हम इस तरह से भी देख सकते हैं कि नॉर्थ-ईस्ट में साउथ इंडिया से अंडा सप्लाई होता है. ऐसे में अगर साउथ से मलेशिया को अंडा जा रहा है तो असम, मेघायल, त्रिपुरा, नागालैंड और मणिपुर आदि राज्य दूसरे इलाकों से अंडा खरीदकर अपनी जरूरत को पूरा करेंगे.  

मलेशिया का अंडा बाजार में आना अच्छा संकेत 

यूपी के पोल्ट्री फार्मर मनीष शर्मा का कहना है कि मलेशिया का भारतीय अंडा बाजार में आना एक अच्छा. संकेत है. भारत में अंडे की कोई कमी नहीं है. अंडा उत्पाादन में भारत विश्व में तीसरे नंबर पर है. हर साल यहां 6 से 7 फीसद तक अंडा उत्पादन बढ़ रहा है. देश में अंडा देने वाली मुर्गियों की संख्या करीब 32 करोड़ है. इन्हीं मुर्गियों के सहारे देश में रोजाना करीब 25 करोड़ अंडे का कारोबार होता है. अगर रोजाना अंडे की डिमांड अच्छी रहेगी तो पोल्ट्री फार्मर को अंडे के दाम भी अच्छे मिलेंगे. 

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देश के कई राज्यों में बिके 600 रुपये के 100 अंडे 

खासतौर पर जनवरी में बिहार में जब भी अंडा बाजार खुला तो 100 अंडे के दाम 600 और उसके ऊपर 609 रुपये प्रति 100 अंडे पर पहुंच चुके थे. झारखंड में भी अंडे के दामों में तेजी देखी गई. बोकारो में 100 अंडे के दाम 600 रुपये तक गए. महाराष्ट्रा की बात करें तो मुम्बई में 596 और पुणे में 593 रुपये के हिसाब से 100 अंडे बिके. आंध्रा प्रदेश, तमिलनाडू और तेलंगाना में जहां सबसे ज्यादा अंडा उत्पादन होता है. देश के कुल उत्पादन का 50 फीसद अंडा इन्हीं तीन राज्यों में होता है. 

यहां भी दिसम्बर हो या जनवरी तीन राज्यों में अंडे के दाम कभी 505-510 रुपये प्रति 100 से ज्यादा नहीं जाते थे. लेकिन इस बार अंडे के मामले में तीनों राज्यों ने भी सभी को चौंका दिया. आंध्रा प्रदेश के चित्तूर में 100 अंडे के दाम 568 रुपये, तमिलनाडू के चेन्नई में 575 रुपये और नमक्कल में 550 रुपये के रेट से अंडा बिका. वहीं तेलंगाना में 538 से 540 रुपये के हिसाब से 100 अंडे बिक रहे थे. 

तीन राज्यों में होता है 50 फीसद अंडा उत्पादन 

केन्द्रीय पशुपालन मंत्रालय की साल 2021 की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल देश में करीब 12 हजार करोड़ अंडों का उत्पादन हुआ था. इसमे से अकेले 50 फीसद यानि 6 हजार करोड़ अंडों का उत्पादन सिर्फ तीन राज्यों आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में ही हुआ था. रिपोर्ट की मानें तो आंध्रा प्रदेश में 2.5 हजार करोड़ करोड़ यानि 20.45 फीसद अंडे, तेलंगाना में 15 सौ करोड़ 12.98 फीसद और तमिलनाडु में 2 हजार करोड़ 16.49 फीसद अंडों का उत्पादन हुआ था. जबकि देश में अंडों का कुल उत्पादन 12 हजार करोड़ का था. 

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