खेतों में लगाना चाहते हैं फूलों की बगिया, इस तरह लें सरकारी सब्सिडी का फायदा

खेतों में लगाना चाहते हैं फूलों की बगिया, इस तरह लें सरकारी सब्सिडी का फायदा

राजस्थान सरकार फूलों की खेती करने के लिए किसानों को सब्सिडी देती है. नए बगीचों की स्थापना के लिए राज्य का कृषि विभाग किसानों से आवेदन स्वीकार करता है. 

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खेतों में लगाना चाहते हैं फूलों की बगिया, इस तरह लें सरकारी सब्सिडी का फायदाफूलों का एक बगीचा.

पूरे देश में किसान खेती में नवाचार कर रहे हैं. रबी और खरीफ की मुख्य फसलों के अलावा किसान अब नए प्रयोग कर ज्यादा से ज्यादा मुनाफ़ा कमाने की कोशिश कर रहे हैं. केन्द्र की सरकार के अलावा इस काम में राज्य सरकारें भी किसानों को कई तरह की योजनाओं से जोड़ रही हैं. नवाचारों पर तरह- तरह की सब्सिडी दे रही हैं. कई योजनाएं ऐसी हैं जिनमें केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर किसानों को सब्सिडी दे रही हैं. इसीलिए किसान अब आंत्रप्रेन्योर बन रहा है. इसी तरह की खेती में फूलों की खेती भी शामिल है.

राजस्थान सरकार फूलों की खेती करने के लिए किसानों को सब्सिडी देती है. नए बगीचों की स्थापना के लिए राज्य का कृषि विभाग किसानों से आवेदन स्वीकार करता है. 

ये है सब्सिडी लेने की पात्रता

फूलों का बगीचा लगाने और उस पर सब्सिडी पाने के लिए कुछ नियम और शर्तें बनाई गई हैं.  सब्सिडी के लिए पात्रता में फूलों के नए बगीचे बनाने के लिए किसान के पास दो हेक्टेयर क्षेत्र के लिए अनुदान दिया जाएगा.  साथ ही किसान के पास कम से कम 0.10 हेक्टेयर भूमि होना आवश्यक है. सब्सिडी देने के लिए सरकार ने ने फसल और किसान की श्रेणियां बनाई हुई हैं.

ये है फसल और किसान की श्रेणी

फूलों के नए बगीचों की स्थापना के लिए राज्य और केन्द्र सरकार अनुपात में सब्सिडी किसानों को देती हैं. दिए जाने वाली सब्सिडी में राज्य सरकार का 40 प्रतिशत और केन्द्र का 60 प्रतिशत हिस्सा होता है. किसानों की श्रेणी में लघु और सीमांत किसानों को अनुदान का फायदा दिया जाता है. 

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लूज फ्लावर पर 16 हजार तक सब्सिडी

सब्सिडी के लिए लूज फ्लावर यानी देसी गुलाब, गेंदा, गुलदाउदी, गैलार्डिया उगाने के लिए लघु एवं सीमांत किसानों को लागत का 40 प्रतिशत या 16 हजार रुपए अधिकतम सब्सिडी दी जाती है. इस तरह के फूलों की अनुमानित लागत 40 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर तक होती है. 
इसके अलावा अन्य किसानों को देसी गुलाब, गेंदा, गुलदाउदी जैसे फूलों की खेती के लिए लागत का 25 प्रतिशत या 10 हजार रुपए अधिकतम की सब्सिडी दी जाती है. 

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ये लाभ भी देती है सरकार

नगद में सब्सिडी देने के अलावा सरकार कई और तरह के फायदे भी फूलों की खेती करने वाले किसानों को देती है. इसमें सब्सिडी  के लिए चयनित किसानों को खेती में अपनाए जाने वाली शस्य क्रियाओं, फूलों के बेचान, रख-रखाव और उपयोग की जानकारी के लिए तकनीकी जानकारियां उपबल्ध कराती हैं. इसके साथ ही बीज प्लांटिंग मेटेरियल विभागीय सिफारिश के अनुसार राजहंस नर्सरियों और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से प्राथमिकता से लिया जाए.

इसकी अनुपलब्धता की स्थिति में कृषि विश्‍वविद्यालय /संबद्ध कृषि महाविद्यालय/कृषि अनुसंधान केन्द्र/कृषि विज्ञान केन्द्र/राजस्थान ऑलिव कल्टीवेशन लिमिटेड, केन्द्र/राज्य सरकार और अन्य सरकारी संस्था या निजी एक्रिडेटेड नर्सरियों से पौधे खरीदने पर नियमानुसार अनुदान दिया जाता है. खाद्य,  उर्वरक एवं पौध संरक्षण रसायन जैसी चीजें सहकारी समितियों के माध्यम से दी जाएंगी. 

इसके अलावा किसान के खेत की मिट्टी और पानी की जांच करवाकर उर्वरकों के उपयोग की सिफारिश किसानों को दी जाती है. सब्सिडी में दी जाने वाली राशि सबसे पहले पौध रोपण सामग्री पर दी जाती है. वहीं, किसान के स्तर से उपयोग की गई गोबर की खाद एक रुपए प्रति किलो व वर्मी कंपोस्ट डेढ़ रुपए प्रति किलो की दर से की जाती है.

इसके साथ ही  नए स्थापित फूलों के बगीचों पर किसान का ना, पूरा पता, स्थापना साल, कुल क्षेत्रफल, फसल व किस्म का नाम, राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत दिए गए अनुदान की जानकारी का बोर्ड लगाया जाता है. 
 

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