कपास की कीमतें पिछले साल की तुलना में कम होने की वजह से, तेलंगाना में कपास किसानों ने 15,000 रुपये प्रति क्विंटल की मांग को लेकर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कम कीमतों को लेकर किसानों में असंतोष व्यापक है और सैकड़ों किसानों ने शनिवार को राज्य के प्रमुख कपास क्षेत्र आसिफाबाद में धरना दिया. हालांकि मार्केटिंग सीजन की शुरुआत अच्छी रही, लेकिन कीमतों में गिरावट शुरू हुई और यह गिरकर 6,800 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई. यह न्यूनतम समर्थन मूल्य से थोड़ा ही अधिक है.
तेलंगाना में लगभग 50 लाख एकड़ में कपास की खेती होती है. पिछले दिनों रिकॉर्ड कीमतों से उत्साहित, किसानों को 2022 में कपास की खेती जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया गया था. राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ से फसल को नुकसान होने के बावजूद, किसान रेशे वाली फसल की फिर से बुवाई किए थे. दूसरी बुवाई के कारण उत्पादन लागत बढ़ गई. अब अतिरिक्त लागत की भरपाई के लिए किसान बेहतर कीमतों की उम्मीद कर रहे हैं.
द हिंदू बिजनेसलाइन के मुताबिक, अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) ने कीमतों में वृद्धि की मांग को लेकर 4 जनवरी से राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है. अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) के वरिष्ठ नेता एस मल्ला रेड्डी ने कहा, "कपास की भारी मांग के बावजूद कीमतों को जानबूझकर कम रखा गया है."
उन्होंने आगे कहा, "जुलाई-सितंबर के दौरान बेमौसम बारिश की वजह से फसल में खरपतवार उग गए थे, जिससे बॉल्स के विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ा. इससे उत्पादन में भारी गिरावट आई है. हम उत्पादन में 50 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगा रहे हैं. इस साल यह लगभग 20-25 लाख गांठ होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल 45 लाख गांठ थी, क्योंकि किसानों को पिछले साल प्रति एकड़ 6-8 क्विंटल प्रति एकड़ उपज मिली थी, जबकि इस साल केवल 2-4 क्विंटल प्रति एकड़ उपज मिली है."
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने प्रदर्शनकारी किसानों को अपना समर्थन दिया है और राज्य और केंद्र सरकारों से 15,000 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत सुनिश्चित करने की मांग की है. वही राज्य के अलग-अलग बाजारों में कमोडिटी की कीमतें 6,800-7,500 रुपये प्रति क्विंटल के रेंज में चल रही हैं.
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