Pulses Sowing: कृषि और कंज्यूमर के लिए राहत की खबर, दलहन फसलों के एरिया में बंपर उछाल

Pulses Sowing: कृषि और कंज्यूमर के लिए राहत की खबर, दलहन फसलों के एरिया में बंपर उछाल

Pulses Sowing: कुल खरीफ बुवाई क्षेत्र 109.66 लाख हेक्टेयर है. खरीफ फसलों की बुवाई सितंबर तक जारी रहेगी, लेकिन धान, दलहन, तिलहन और मोटे अनाज की बुवाई अच्छी शुरुआत के साथ शुरू हो गई है. तुअर या अरहर, उड़द और मूंग सहित दालों का रकबा 25 फीसदी बढ़ा है और यह अब 6.7 लाख हेक्टेयर हो गया है.

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Pulses Sowing: कृषि और कंज्यूमर के लिए राहत की खबर, दलहन फसलों के एरिया में बंपर उछालpulses sowing: कृषि मंत्रालय ने जारी किए आंकड़ें

इस मौसम में खरीफ फसलों की बुवाई का आधा समय बीत चुका है और कृषि मंत्रालय ने उपभोक्‍ताओं के लिए एक अच्‍छी खबर दी है. मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार देश में  दलहन का रकबा पिछले साल की तुलना में ज्‍यादा रहा है. मॉनसून की बारिश 'सामान्य से ज्‍यादा अच्‍छी रहने की वजह से इसमें उछाल आया है. कृषि मंत्रालय के अनुसार, 11 जुलाई तक खरीफ फसलों जैसे कि धान, दलहन, तिलहन, कपास और गन्‍ने का रकबा 59.78 लाख हेक्टेयर (एमएचए) को पार कर गया है और यह पिछले साल की तुलना में 6.65 फीसदी ज्‍यादा है. 

अरहर में थोड़ी गिरावट 

कुल खरीफ बुवाई क्षेत्र 109.66 लाख हेक्टेयर है. खरीफ फसलों की बुवाई सितंबर तक जारी रहेगी, लेकिन धान, दलहन, तिलहन और मोटे अनाज की बुवाई अच्छी शुरुआत के साथ शुरू हो गई है. तुअर या अरहर, उड़द और मूंग सहित दालों का रकबा 25 फीसदी बढ़ा है और यह अब 6.7 लाख हेक्टेयर हो गया है. हालांकि अरहर का रकबा कम हुआ है. साल 2024-25 में खरीफ के मौसम में इस अवधि में 27.18 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में अरहर की बुवाई की गई थी तो इस साल यह आंकड़ा 25.42 लाख हेक्‍टेयर का है. इसमें फिलहाल गिरावट -1.77 लाख हेक्‍टेयर की है. 

कीमतों में मिलेगी राहत! 

वहीं कुल्‍थी का रकबा 0.12 लाख हेक्‍टेयर से बढ़कर 0.14 लाख हेक्‍टेयर, उड़द का 11.54 लाख हेक्‍टेयर से कुछ कम होकर 11.46 लाख हेक्‍टेयर, मूंग 12.19 लाख हेक्‍टेयर से 23.16 लाख हेक्‍टेयर और दूसरी दालें 1.58 लाख हेक्‍टेयर से बढ़कर 2.06 लाख हेक्‍टेयर पर पहुंच गई हैं.  मोठ बीन के रकबे में खासा इजाफा हुआ है और यह 0.78 लाख हेक्‍टेयर से 4.85 लाख हेक्‍टेयर पर आ गई है. दालों का रकबा बढ़ने से माना जा रहा है कि कीमतों में कमी आएगी. आपको बता दें कि मध्‍यम वर्ग पिछले कुछ समय से दालों की कीमतों में इजाफे से खासा परेशान है. हालांकि कुछ महीने पहले कीमतों में कुछ गिरावट दर्ज की गई थी. 

देश के जलाशय फुल 

मौसम विभाग की मानें तो 16 जून से मॉनसून की प्रगति में सुधार हुआ है और 1 जून से 14 जुलाई के बीच अब तक कुल 311.6 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. यह दीर्घावधि औसत (एलपीए) से 9.5 प्रतिशत ज्‍यादा है. अब तक सामान्य से ज्‍यादा बारिश के साथ, भारत के 161 प्रमुख जलाशयों में जलस्तर पिछले हफ्ते तक क्षमता से करीब 52 फीसदी तक बढ़ गया. इन प्रमुख बांधों में जल स्तर पिछले साल की तुलना में 95 फीसदी से अधिक और इस समय तक पिछले दस वर्षों के औसत से 86 प्रतिशत ज्‍यादा है. विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई और अगस्त के दौरान पर्याप्त बारिश खरीफ फसलों की पैदावार बढ़ाने के साथ-साथ जलाशयों का भराव सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है. सरकार ने फसल वर्ष 2025-26 (जुलाई-जून) में खाद्यान्न उत्पादन के लिए 354.64 मिलियन टन का रिकॉर्ड लक्ष्य रखा है. 

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