Crop Insurance: महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने पिछली फसल बीमा योजना में हुई धोखाधड़ी के कारण नई फसल बीमा योजना लागू की है. उनका कहना था कि इसमें बिचौलिए पैसा हड़प लेते थे और बीमा कंपनियां भारी मुनाफा कमाती थीं. जबकि किसानों को कोई फायदा नहीं होता था. उन्होंने यह बात विधान परिषद में एक सवाल के जवाब में कही. उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर कई तरह की अनियमितताएं सामने आईं. इनसे यह पता चला कि फसल बीमा कंपनियों ने 10,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. इस साल अप्रैल में, राज्य सरकार ने एक नई फसल बीमा योजना को मंजूरी दी थी. इसके तहत किसानों को बीमित राशि का 1.5 से 2 प्रतिशत तक प्रीमियम देना होगा. जबकि पिछली योजना में उन्हें सिर्फ एक रुपये का भुगतान ही करना पड़ता था.
महाराष्ट्र सरकार 2023 में 1 रुपये वाली फसल बीमा योजना लेकर आई थी. इस योजना के तहत किसान को अपने हिस्से का प्रीमियम सिर्फ एक रुपये देना होता था, जबकि बाकी राज्य सरकार द्वारा भुगतान किया जाता था. लेकिन इस योजना में अनियमितताओं की शिकायतें थीं. उन्होंने सदन को बताया, 'पिछली योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आईं. कुछ बीमा कंपनियां अनियमितताओं में शामिल थीं. इसलिए यह फैसला करना पड़ा. अब तक, फसल बीमा कंपनियों ने 10,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है.' कोकाटे ने विधान परिषद में कहा, 'हमारे विभाग के सामने यह सवाल पैदा हुआ कि अगर बीमा कंपनियों को इससे फायदा हो रहा है तो यह राशि किसानों के लिए पूंजी के तौर पर क्यों नहीं निवेश की जा सकती.'
कोकाटे ने कहा, 'पिछली फसल बीमा योजना में धोखाधड़ी हो रही थी और किसानों को पैसा नहीं मिल रहा था बिचौलिए पैसा हड़प रहे थे और बीमा कंपनियां भारी मुनाफा कमा रही थीं. इसे देखते हुए एक नई फसल बीमा नीति लागू की गई है.' एक लिखित जवाब में कोकाटे ने कहा कि साल 2023 के खरीफ सीजन से राज्य सरकार ने एक बीमा नीति को मंजूरी दी जिसमें किसानों को सिर्फ 1 रुपये का प्रीमियम देना होगा और शेष प्रीमियम राज्य सरकार ने अदा किया. कोकाटे ने कहा कि इस योजना के कारण राज्य सरकार पर 7,975 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा.
कोकाटे ने कहा, 'यह बात सामने आई कि 2023-24 के खरीफ सीजन के लिए आवेदन दो गुना बढ़ गए, जबकि रबी सीजन के लिए आवेदन 10 गुना तक बढ़ गए. यह भी सामने आया कि आवेदनों में अनियमितताएं थीं.' इसी के तहत, इस साल के खरीफ सीजन से एक संशोधित फसल बीमा योजना शुरू की गई. यह पहली बार नहीं है जब कोकाटे ने फसल बीमा योजनाओं की आलोचना की हो. 8 जुलाई को विधान परिषद में बोलते हुए उन्होंने कहा था कि यह सच है कि फसल बीमा योजना में किसानों से ज्यादा बीमा कंपनियों को फायदा हुआ है.
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