बरसात का मौसम मिर्च, टमाटर और बैंगन की फसलों के लिए कई चुनौतियां लेकर आता है, खासकर जब बात 'पत्ती मरोड़' रोग की हो. यह एक वायरल बीमारी है जो इन फसलों को बुरी तरह प्रभावित करती है. अगर समय पर इसका ध्यान न रखा जाए, तो यह पूरी फसल को बर्बाद कर सकती है और किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है. पत्ती मरोड़ रोग से प्रभावित होने पर पौधों की पत्तिया मुड़ जाती हैं, पीली पड़ जाती हैं और धीरे-धीरे पूरा पौधा सूखकर बेकार हो जाता है. यह एक वायरस के कारण होता है और इसे फैलाने का काम सफेद मक्खी (Whitefly) और थ्रिप्स (Thrips) जैसे छोटे कीट करते हैं. ये कीट संक्रमित पौधे से वायरस को स्वस्थ पौधे तक ले जाते हैं, जिससे संक्रमण तेजी से फैलता है. बरसात के मौसम में अधिक तापमान और वातावरण में अधिक नमी के कारण सफेद मक्खी का प्रजनन तेजी से होता है, जिससे इस रोग के फैलने का खतरा बढ़ जाता है.
बरसात के मौसम में मिर्च, टमाटर और बैंगन की नर्सरी तैयार कर रहे हैं, तो सफेद मक्खी के प्रकोप से बचने के लिए इंसेक्टप्रूफ नेट (Insect-Proof Net) का उपयोग करना बहुत फायदेमंद होगा. ठीक वैसे ही जैसे आप खुद को मच्छरों से बचाने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करते हैं. 40 या 50 मेष वाले कीट-अवरोधी जाल का प्रयोग करके आप कम से कम 30 दिनों तक अपने पौधों को सफेद मक्खी के प्रकोप से बचा सकते हैं. जब आप नर्सरी से पौधों को मुख्य खेत में लगाने जाएं, तो इमिडाक्लोप्रिड जैसे सिस्टेमिक कीटनाशक का उपयोग कर सकते हैं. इसके लिए, एक घोल तैयार करें और 1 मिलीलीटर दवा को 4 लीटर पानी में मिलाएं. इस घोल में नर्सरी के पौधों की जड़ों को 20-25 मिनट के लिए डुबोकर रखें. यह उपाय आपको रोपण के बाद अगले 15-20 दिनों तक सफेद मक्खी के प्रकोप से मुक्ति दिलाएगा. फसल एक महीने की हो जाने पर, थियामेथोक्साम 25 फीसदी WG दवा की 40-50 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें या फिर, इमिडाक्लोप्रिड 70% WG की 1 मिलीलीटर मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसल पर स्प्रे करें.
आजकल बाजार में येलो स्टिकी ट्रैप आसानी से मिल जाते हैं. सफेद मक्खी पीले रंग की ओर आकर्षित होती है और इन जालों पर चिपक जाती है. आप एक एकड़ में 8 से 20 स्टिकी ट्रैप लगा सकते हैं. अगर कीटों की संख्या अधिक है, तो 20 ट्रैप तक लगाए जा सकते हैं. मिर्च, टमाटर और बैंगन की फसल के बीच में आप मक्का लगा सकते हैं. मक्का सफेद मक्खी को आकर्षित करके मुख्य फसल से दूर रखता है, जिससे उनका प्रकोप कम होता है. अगर आपके पास तैयार स्टिकी ट्रैप नहीं हैं, तो आप किसी भी डिब्बे पर पीला पेंट करके उस पर ग्रीस या अरंडी का तेल लगा सकते हैं. पीले रंग की ओर आकर्षित होकर सफेद मक्खियां इस पर चिपक जाएंगी और मर जाएंगी. इन उपायों को अपनाकर आप कम खर्च में मिर्च, टमाटर और बैंगन की फसल को सफेद मक्खी और पत्ती मरोड़ रोग से बचा सकते हैं. इससे न केवल आपकी फसल सुरक्षित रहेगी, बल्कि आपकी लागत भी कम होगी और मुनाफा अधिक होगा. साथ ही आपकी फसल की गुणवत्ता भी अच्छी होगी और वह बाजार में सुरक्षित रूप से बिक पाएगी.
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