किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए पशुपालन सबसे अच्छा विकल्प है. खेती के साथ-साथ पशुपालन करने से किसानों को अच्छी आमदनी होती है. पशुपालन एक कृषि व्यवसाय है जिसे भूमिहीन किसान भी कर सकते हैं. पशुपालन करने से किसानों को दूध के साथ-साथ गोबर की खाद भी मिलती है. पशुपालन से पहले किसानों को पशु खरीदने के लिए कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है. एक स्वस्थ पशु अधिक दूध देता है और किसान को अच्छा मुनाफा होता है. तो आइए जानते हैं कि दुधारू पशु खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
दुधारू पशु खरीदने से पहले उसका मूल्यांकन करना ज़रूरी है. मूल्यांकन उनकी दूध उत्पादन क्षमता, हर साल बच्चे देने की क्षमता, स्वस्थ और उपयोगी जीवन के आधार पर किया जाता है. अच्छे दुधारू पशुओं का चयन इन आधारों पर किया जा सकता है.
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दुधारू पशु का शरीर तिकोना आकार का होना चाहिए, यानी आगे से पतला और पीछे से चौड़ा. त्वचा पतली और चिकनी होनी चाहिए और पुंछ लंबी होनी चाहिए. आंखें उभरी हुई और चमकदार होनी चाहिए. कंधा शरीर से अच्छी तरह जुड़ा होना चाहिए. दुधारू गाय की जांघ पतली और चपटी होनी चाहिए और गर्दन पतली, लंबी और अलग होनी चाहिए. पशुओं का पेट अच्छी तरह विकसित होना चाहिए. थन की आकार भी अच्छी होनी चाहिए. इसकी त्वचा मुलायम, लचीली और चमकदार होनी चाहिए. थन के चारों भाग एक-दूसरे से समान दूरी पर समान रूप से लंबे और मोटे होने चाहिए. थन में दूध की नसें उभरी हुई, टेढ़ी और अच्छी तरह विकसित होनी चाहिए.
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दुधारू पशु खरीदने से पहले दो-तीन दिन तक उसका दूध निकालकर अच्छी तरह जांच कर लेना चाहिए. दूध निकालते समय दूध की धार सीधी गिरनी चाहिए तथा दूध निकालने के बाद थन सिकुड़ जाना चाहिए.
यदि पशु के वंश के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो तो गाय की नस्ल और उसकी दूध उत्पादन क्षमता के बारे में सही जानकारी प्राप्त की जा सकती है. डेयरी फार्म से पशु खरीदते समय इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है.
पशुओं की प्रजनन क्षमता 10 से 12 वर्ष की आयु के बाद समाप्त हो जाती है. गर्भावस्था के तीसरे या चौथे चरण तक दूध उत्पादन अपने चरम पर होता है, जो धीरे-धीरे कम होता जाता है. इसलिए डेयरी व्यवसाय के लिए गर्भावस्था के पहले या दूसरे चरण के पशु खरीदना अधिक लाभदायक होता है.
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पशुओं का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए. टीकाकरण और अब तक हुई बीमारियों के बारे में सही जानकारी प्राप्त करनी चाहिए.
सही दुधारू गाय वह होती है जो हर साल एक बछड़े को जन्म देती है. पशु खरीदते समय दुधारू पशु का प्रजनन इतिहास अच्छी तरह से जान लेना चाहिए. अगर उसमें किसी तरह की कमी है तो उसे नहीं खरीदना चाहिए, क्योंकि ये कमियां कई बार बीमारी के कारण होती हैं तो कई बार वंशानुगत होती हैं. जिसके कारण भविष्य में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे समय पर गर्भधारण न कर पाना, गर्भपात, स्वस्थ बच्चे को जन्म न देना, प्रसव में कठिनाई आदि.
आप दांतों से पशुओं के सही उम्र का पता लगा सकते हैं. दांतों की पहली स्थायी जोड़ी दो साल की उम्र में दिखाई देती है. दूसरी जोड़ी चौथे वर्ष के अंत में दिखाई देती है, जो पशु की उम्र की पहचान करने में मदद करती है.
जानवर के सींग पर पहला छल्ला 3 साल की उम्र में बनता है. इसके बाद हर साल एक छल्ला बनता है. सींग पर बनने वाले छल्लों की संख्या में दो जोड़कर जानवर की उम्र का पता लगाया जा सकता है.
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