Organic Milk: ऑर्गेनिक दूध उत्पादन के लिए करने होंगे ये 8 काम, तभी मिलेगा सरकारी सर्टिफिकेट

Organic Milk: ऑर्गेनिक दूध उत्पादन के लिए करने होंगे ये 8 काम, तभी मिलेगा सरकारी सर्टिफिकेट

Certificate of Organic Milk डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दूध को ऑर्गेनिक बताकर ऊंचे दाम पर बेचा जा रहा है. जबकि उनके पास इसका कोई सुबूत नहीं है कि दूध ऑर्गेनिक है या नहीं. फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) भी इस मामले में पहले एक कदम बढ़ाती है और फिर दो कदम पीछे हट जाती है. जिसका खामियाजा ग्राहकों को भुगतना पड़ रहा है. ऑर्गेनिक दूध के नाम पर ग्राहकों को ठगा जा रहा है. 

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Organic Milk: ऑर्गेनिक दूध उत्पादन के लिए करने होंगे ये 8 काम, तभी मिलेगा सरकारी सर्टिफिकेटदूध उत्पादन में गिरावट

Certificate of Organic Milk खाने-पीने से जुड़ी कोई भी चीज हो, उत्पादन करने वाला उसके साथ ऑर्गेनिक शब्द दे रहा है. इसका फायदा ये है कि उसकी बिक्री बढ़ जाती है और दाम भी ठीक-ठाक अच्छे मिल जाते हैं. खासतौर से दूध और दूध से बने प्रोडक्ट को तो धड़ल्ले से ऑर्गेनिक बताया जा रहा है. ऑनलाइन प्लेटफार्म पर डेयरी प्रोडक्ट बेचने वालों ने तो ऑर्गेनिक डेयरी प्रोडक्ट की लाइन ही लगा दी है. हर कोई डेयरी प्रोडक्ट के ऑर्गेनिक होने का दावा कर रहा है. हालांकि राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र (एनसीओएनएफ) की मानें तो पशु से ऑर्गेनिक दूध लेना आसान नहीं है. 

इसके लिए कई अलग-अलग नियमों का पालन करना होता है. पालन करने के साथ ही सरकारी एजेंसियां उसकी जांच करती हैं, तक कहीं जाकर प्रोडक्ट के ऑर्गेनिक होने का सर्टिफिकेट मिलता है. गौरतलब रहे एनसीओएनएफ दूध के ऑर्गेनिक होने का प्रमाण पत्र देता है. और यह प्रमाण पत्र पशु के नाम पर दिया जाता है. 

दूध के ऑर्गेनिक होने का सर्टिफिकेट कैसे मिलता है

डेयरी एक्सपर्ट डॉ. दिनेश भोंसले का कहना है कि लम्बे वक्त से ऑर्गनिक चारे पर काम चल रहा है. लेकिन चारा ऑर्गेनिक है या नहीं इसके लिए सर्टिफिकेट लेना होता है. ले‍किन सिर्फ ऑर्गेनिक हरा चारा खि‍लाने से ही ही दूध ऑर्गेनिक नहीं हो जाता है. इसके लिए और दूसरे नियमों का भी पालन करना होता है. 

  • ऑर्गनिक का सर्टिफिकेट देने से पहले यह देखा जाता है कि दुधारू पशु को खाने में ऑर्गेनिक चारा दिया जा रहा है या नहीं. 
  • सूखा चारा यानि भूसा जिस फसल का है वो ऑर्गेनिक थी या नहीं. 
  • जहां भी ऑर्गनिक चारा उगाया जा रहा है उसके आसपास दूसरी फसल में पेस्टी साइट का इस्तेमाल तो नहीं किया जा रहा है. 
  • जिस फसल में पेस्टीसाइट इस्तेमाल किया जा रहा है नियमानुसार ऑर्गेनिक फसल से एक तय दूरी रखनी पड़ती है.
  • पशुओं को दी जाने वाली वैक्सीजन, बीमारी में दी जा रहीं दवाई भी नियमानुसार दी जाती है. 
  • कुछ खास बीमारियों में पशुओं को सिर्फ हर्बल दवा खिलाने के ही नियम होते हैं. 
  • पशुओं को जो दाना यानि फीड दिया जाता है उसकी भी जांच होती है. 
  • फीड बनाने में किसी तरह के केमिकल (ऐडिटिव) का इस्तेमाल तो नहीं किया जा रहा है. 
  • डेयरी और फीड एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि ऑर्गेनिक दूध के मामले में ऐसा भी नहीं है कि आज से आपने पशुओं को ऑर्गनिक चारा देना शुरू किया तो वो कल से ऑर्गनिक दूध देना शुरू कर देंगे. इसके लिए भी नियमानुसार पशुओं के हिसाब से दिन तय किए जाते हैं.

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