Milk Production in Punjab पंजाब लम्बे वक्त से अन्न भंडार के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए है. लेकिन अब इसके साथ पंजाब दूध उत्पादन में भी नया अध्याय लिख रहा है. अब पंजाब में जगह-जगह दूध डेयरियां दिखाई देने लगी हैं. बड़े-बड़े चारागाह बनाए गए हैं. वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन किया जा रहा है. ये कहना है कि डॉ. रामेश्वर सिंह, कुलपति, गुरु काशी विश्वविद्यालय, तलवंडी साबो, भटिंडा का. उनका ये भी कहना है कि साल 1972 में बने प्रगतिशील डेयरी किसान संघ (पीडीएफए) और पंजाब एग्रीकलचर यूनिवर्सिटी की बदौलत पंजाब मिल्क रेवुलेशन-2 में इतिहास लिखने जा रहा है. पंजाब की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी बड़ा बदलाव आ चुका है.
पशुपालन और डेयरी से बड़ी संख्या में युवा जुड़ रहे हैं. हालांकि इसके पीछे एक बड़ी वजह ये भी है कि पंजाब के पढ़ें-लिखे युवा को अनाज की खेती में पारंपरिक गेहूँ-चावल फसल प्रणालियों की आर्थिक और पर्यावरणीय अस्थिरता का सामना करना पड़ा. जमीन और मुनाफा घटने लगा और बढ़े क्लाइमेंट चेंज ने युवाओं को डेयरी की तरफ सोचने के लिए मजबूर कर दिया.
डॉ. रामेश्वर सिंह का कहना है कि पंजाब के किसान अब संकर नस्ल के मवेशियों, खासतौर से ज्यादा दूध देने वाली "पंजाब होल्स्टीन" के प्रजनन के लिए उच्च आनुवंशिक क्वालिटी वाला वीर्य इंपोर्ट कर उसका इस्तेमाल रहे हैं. पंजाब की परिस्थितियों को देखते हुए खासतौर पर पाली गई ये गायें प्रति ब्यांत 11 हजार लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती हैं, जो राष्ट्रीय औसत लगभग 17 सौ लीटर से करीब सात गुना ज्यादा है. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि बदलाव सिर्फ इसी एक वजह से आया है. पंजाब में कृत्रिम गर्भाधान को अब लिंग-सॉर्टेड वीर्य के साथ जोड़ा जा रहा है, जिससे यह तय हो जाता है कि 90 फीसद केस में मादा बछड़ा होगा. टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर पशुपालक दूध उत्पादन के आंकड़े रख रहे हैं. टोटल मिक्स्ड राशन (टीएमआर) और साइलेज ने चारे की पुरानी पारंपरिक व्यवस्था को बदल दिया है.
डॉ. रामेश्वर सिंह के मुताबिक दूध का उत्पादन करने वाले पशुपालक अपने ही दूध की प्रोसेसिंग भी कर रहे हैं. अपना ब्रांड बनाकर पनीर, घी और बोतल बंद दूध बेच रहे हैं. इससे पशुपालकों की इनकम भी बढ़ती है. यही वजह है कि अब पंजाब में दूध उत्पादन सिर्फ डेयरी तक ही सीमित नहीं रह गया है. अब ये संगठित होकर कारोबार बन गया है. इस सब में उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस), राष्ट्रीय गोकुल मिशन जैसी योजनाओं के साथ पंजाब डेयरी विकास बोर्ड ने बुनियादी ढांचे और नवाचार को बढ़ावा दिया है.
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