Milch Animal Care: बरसात में गाय-भैंस को बीमारियों से बचाने के लिए शेड में जरूर करें ये इंतजाम 

Milch Animal Care: बरसात में गाय-भैंस को बीमारियों से बचाने के लिए शेड में जरूर करें ये इंतजाम 

Animal Care in Rainy Season पशुओं के शेड में कुछ जरूरी इंतजाम कर दुधारू पशुओं को बरसात के मौसम में बीमारियों और संक्रमण से बचाया जा सकता है. साथ ही अगर पशुओं को दिए जाने वाले चारा-पानी और बीमारी से बचाव के लिए लगने वाली वैक्सीन पर भी ध्यान दें तो बीमारियों के जोखि‍म को कम किया जा सकता है.  

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Animal Care in Rainy Season अगर ये कहा जाए कि बरसात के मौसम में दुधारू पशुओं यानि गाय-भैंस को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है. पशुपालकों को भी पशुओं की ज्यादा देखभाल करनी होती है. क्योंकि देखभाल में जरा सी भी कोताही हुई तो फिर पशुओं का बीमार होना तय है. लेकिन, खासतौर पर बरसात के दिनों में पशुओं को हर छोटी-बड़ी बीमारी से बचाया जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि पशुओं के शेड में कुछ जरूरी इंतजाम किए जाएं. बरसात के दिनों में शेड की साफ-सफाई पर खास ध्यान दिया जाए. 

पशुओं की बीमारियों के साथ ही पशुपालक की लागत भी बढ़ जाती है. लेकिन देखभाल के साथ ही अगर पशुओं को दिए जाने वाले चारा-पानी और वैक्सीन पर ध्यान दिया जाए तो संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है. संक्रमण अगर ज्यादा हो जाए तो गांव-कस्बों के पशु अस्पताल में पशुओं को बीमारी से सुराक्षि‍त रखने वाली सरकारी योजनाओं का फायदा भी उठाया जा सकता है. 

पशुओं के शेड में क्या उपाय करने चाहिए 

  • चारा और चारा सामग्री को जमीन से ऊंची जगह किसी प्लेटफॉर्म पर रखें. 
  • पशु के सभी तरह के चारे को बारिश और नमी से बचाकर रखें. 
  • खासतौर पर बरसात से पहले पशुओं का टीकाकरण करा लेना चाहिए.
  • बरसात के मौसम में पशुओं के लिए पीने का स्वच्छ और गर्म पानी होना चाहिए. 
  • पशुओं को खेत में जमा लाल पानी या कीचड़ वाला पानी नहीं पीने देना चाहिए.
  • दूषि‍त पानी पीने से गंभीर सर्दी, दस्त, ब्लैक क्वार्टर समेत कई बीमारियां हो सकती हैं. 
  • पशुओं को मानसून में खराब मौसम से बचाना चाहिए, वर्ना इसका असर उत्पादन पर पड़ता है. 
  • बारिश का पानी बैक्टीरिया को बढ़ाता है, जिससे बीमारियां होती हैं. 
  • बरसात के मौसम की शुरुआत से पहले, बीच में और आखि‍र में डी-वर्मिंग करानी चाहिए.

बरसात में बछड़ों की देखभाल कैसे करें 

बरसात के दिनों में बछड़ों को बाहर खुला नहीं छोड़ना चाहिए. एक्सपर्ट का कहना है कि बछड़ों में बीमारियों से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं होती है. बछड़ों के शरीर में पानी की मात्रा ज्यादा होती है और ठंड से उनका तनाव बढ़ जाता है. इसलिए बछड़ों को गर्मी दी जानी चाहिए, बछड़ों को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दूध पिलाया जाना चाहिए. बछड़ों को ठंड के झटकों से बचाने के लिए कपड़े पहनाए जाने चाहिए. तीन महीने से ज्यादा उम्र के बछड़ों को कृमिनाशक दवा दी जानी चाहिए. छह महीने से ज्यादा उम्र के बछड़ों को बीक्यू और एचएस का टीका लगवाया जाना चाहिए.

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