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डेयरी से घर-दुकान में दूध सप्लाई के लिए पूरे करने होंगे ये नियम, कोर्ट की सख्ती के बाद FSSAI ने कड़े किए मानक

डेयरी से घर-दुकान में दूध सप्लाई के लिए पूरे करने होंगे ये नियम, कोर्ट की सख्ती के बाद FSSAI ने कड़े किए मानक

दिल्ली-एनसीआर की डेयरियों के मामले में जो तस्वीरें सामने आईं थी उसी के आधार पर  दिल्ली कोर्ट ने इस पर सख्त टिप्पणी की थी. तस्वीरों में साफ देखा जा रहा था कि डेयरी फार्म के अंदर गाय-भैंस गोबर और पेशाब के दलदल में बंधी और बैठी हुईं है. उसी हालात में भैंसों का दूध निकाला जा रहा था. दूध निकालने में इस्तेमाल होने वाले बर्तन भी वहीं पड़े हुए थे. 

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गौ-पालकों को इस पहल का लाभ मिलने की उम्मीद की जा रही है (Photo-Kisan Tak) गौ-पालकों को इस पहल का लाभ मिलने की उम्मीद की जा रही है (Photo-Kisan Tak)

खासतौर पर गली-मोहल्लों में खुली डेयरियों की हालत बहुत खराब है. कुछ समय पहले दिल्ली-एनसीआर की आधा दर्जन से ज्यादा डेयरियों की बेहद डरावनी तस्वीरें सामने आईं थी. तस्वीरों को देखहर ही पुख्ता तौर पर कहा जा सकता था कि इन डेयरियों से दूषि‍त दूध की सप्लाई हो रही है. इसी के बाद इंडियन फूड सिक्योरिटी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी (FSSAI) ने डेयरियों को लेकर कुछ नियम बनाए हैं. डेयरी छोटी हो या बड़ी नियमों के मुताबिक ही दूध का उत्पादन और सप्लाई की जाएगी. खासतौर पर ये वो डेयरियां हैं जो गाय-भैंस का दूध निकालकर सीधे घर-दुकानों में ग्राहकों को सप्लाई करती हैं. 

लेकिन अब डेयरी फार्म के लिए FSSAI के बनाए पर्यावरण स्वच्छता, दूध का स्वच्छ उत्पादन, दूध प्रबंधन, स्टोर और ट्रांसपोर्टेशन और डेयरी फार्म की साफ-सफाई जैसे नियमों के मुताबिक ही डेयरी का संचालन किया जाएगा. ऐसा ना करने पर सजा और जुर्माना दोनों ही का सामना करना पड़ सकता है.  

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ऐसे होंगे देशभर के डेयरी फार्म

पर्यावरण स्वच्छता- डेयरी फार्म हवादार और अच्छी रोशनी वाले बनाए जाएंगे. गंदगी का निपटान तुरंत करना होगा. पशुओं के पीने से लेकर डेयरी में इस्तेमाल होने वाला पानी साफ और स्वच्छ रखना होगा. खराब चारा देने से बचना होगा. 

दूध का स्वच्छ उत्पादन- दूध दुहने वाली जगह में किसी दूसरे जानवर और पक्षी की एंट्री ना होगा. पशु के थन चोटिल ना हों और साफ हों. दूध देने वाला पशु कम से कम 11 तरह की बीमारियों से फ्री होना चाहिए. जबरन दूध लेने के लिए आक्सीटोसिन इंजेक्शन ना दिया जा रहा हो. 

दूध प्रबंधन, स्टोर और ट्रांसपोर्टेशन- जो दूध बिकने से रह जाए तो उस बचे हुए दूध को 4 से 6 डिग्री तापमान पर रखा जाए. दूध स्टोर करने की जगह पशुओं के बाड़े से दूर होनी चाहिए. दूध दुहने के 4 घंटे के अंदर बेच-वितरित दिया जाए. 

डेयरी की साफ-सफाई- दूध की कैन को ठंडे पानी से धोएं, डिटर्जेंट पाउडर से रगड़ें, उबलते पानी से धोएं या उसकी भाप से स्टेरेलाइज्ड कर लें. डेयरी सेनेटाइजिंग सोल्युशन का इस्तेमाल कर सकते हैं. कैन को सूरज की रोशनी में सुखाने की कोशि‍श करें. इसी तरह से दूध निकालने वाली मशीन को भी धोएं.  

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ऐसे साफ करें दूध के बर्तन और उपकरण 

  • दूध के कैन की सफाई उसके खाली होते ही नियमों के मुताबिक कर दें.  
  • दूध की कैन को पहले ठंडे पानी से धोएं. 
  • कैन को ब्रश और गर्म पानी में डाले गए डिटर्जेंट से रगड़ें.
  • कैन धोने में किसी भी सुगंधहीन तरल साबुन का इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • कैन को उबलते पानी या उसकी भाप से स्टरलाइज कर सकते हैं. 
  • कैन साफ करने के लिए किसी अच्छे ब्रांड का सोल्युशन या हाइपोक्लोराइट का इस्तेमाल करें. 
  • कैन को रैक में रखकर सुखा सकते हैं. कैन को सूरज की रोशनी में रखने से बैक्टीरिया मर जाएंगे. 
  • दूध निकालने वाली मशीन को ठंडे पानी से धोएं.
  • मशीन के घिसे हुए रबर के भागों को समय-समय पर बदलते रहें.