देश में दूध की कोई कमी नहीं है. बीते साल ही 23 करोड़ टन से ज्यादा दूध का उत्पादन हुआ था. देश की दूध डिमांड पूरी करने के साथ स्किम्ड मिल्क पाउडर (एसएमपी) एक्सपोर्ट भी किया जा रहा है. बड़ी मात्रा में घी-मक्खन जैसे डेयरी प्रोडक्ट भी इंटरनेशनल मार्केट में बेचे जा रहे हैं. बावजूद इसके देश में नकली दूध बनाने वाला माफिया सक्रिय है. देश के दो-चार राज्यों को छोड़ दें तो देशभर में नकली दूध बनाने और मिलावट का कारोबार खूब फल-फूल रहा है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं हर रोज नकली दूध बनाने वालों को कार्रवाई होती है.
आपराधिक मुकद्मा चलाया जाता है. यूपी में तो किसी भी तरह की मिलावट को अपराध की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है. बावजूद इसके मिलावटी दूध का कारोबार सबसे ज्यादा यूपी में ही पकड़ा जा रहा है. उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक तीन ऐसे राज्य हैं जहां नकली दूध बनाने का कारोबार सबसे ज्यादा हो रहा है.
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हाल ही में परिवार स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में राज्यसभा में एक रिपोर्ट पेश की है. रिपोर्ट से खुलासा होता है कि देश में अभी भी नकली दूध बनाने का कारोबार चल रहा है. ये बात अलग है कि नकली दूध बनाने का काम किसी राज्य में छोटा तो कहीं बड़ा है. रिपोर्ट से ही खुलासा होता है कि बीते तीन साल में नकली दूध के सबसे ज्यादा मामले यूपी, केरल और तमिलनाडू में सामने आए हैं. अगर साल 2023-24 की बात करें तो यूपी में 16 हजार से ज्यादा दूध के सैम्पल पॉजिटिव पाए गए थे. मतलब फ्रेश दूध के जो मानक हैं उसे ये सैम्पल पूरा नहीं कर रहे थे. इसी तरह से तमिलनाडू में 22 सौ से ज्यादा मामले पकड़े गए थे. वहीं केरल में 13 सौ सैम्पल पॉजिटिव पाए गए थे. साल 2022-23 और 2021-22 में भी खासतौर पर इन्हीं तीन राज्यों में नकली और मिलावटी दूध के मामले सबसे ज्यादा पकड़े गए थे. इतना ही नहीं बिहार, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब और मध्य प्रदेश में भी लगातार मिलावटी और नकली दूध के मामले पकड़े जा रहे हैं.
दूध की बूंद को चिकनी सतह पर गिराएं.
अगर बूंद धीरे बहे और सफेद निशान छोड़े तो शुद्ध दूध है.
मिलावटी दूध की बूंद बिना निशान छोड़े तेजी से बह जाएगी.
3 एमएल दूध में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की 10 बूंद मिलाएं.
एक चम्मच चीनी मिलाने के पांच मिनट बाद लाल रंग हो जाएगा.
आयोडीन की कुछ बूंदें दूध में मिलाएं.
मिलाने पर मिश्रण का रंग नीला हो जाएगा.
टेस्ट ट्यूब में थोड़ा दूध और सोयाबीन या अरहर पाउडर मिलाएं.
पांच मिनट बाद लाल लिटमस पेपर इसमें डुबोएं.
अगर पेपर का रंग नीला हो जाए तो यूरिया मिला है.
10 एमएल दूध में 5 एमएल सल्फ्यूरिक एसिड मिलाएं.
बैंगनी रंग की रिंग का बनना फॉर्मेलिन होने का संकेत.
दूध लंबे समय तक ठीक रखने के लिए फॉर्मेलिन मिलाते हैं.
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सिंथेटिक दूध स्वाद में कड़वा लगता है.
उंगलियों के बीच रगड़ने पर साबुन जैसा चिकनापन लगता है.
गर्म करने पर पीला पड़ जाता है.
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