झारखंड की इस्पात सिटी बोकारो के बाद रांची जिले में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. रांची में भी बर्ड फ्लू का प्रकोप जारी है, लेकिन इसके बावजूद यहां के बोकारो और राजधानी रांची के अधिकांश बाजारों को चिकन की कीमतों में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आई है. कीमतें अभी तक स्थिर है. हालांकि पॉल्ट्री किसानों को थोड़ी परेशानी जरूर हो रही है क्योंकि बाजार में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद चिकन की मांग में कमी आई है. उस घाटे की भरपाई करने के लिए पॉल्ट्री किसानों को मुर्गियों की कीमत स्थिर रखनी होगी ताकि किसानों को अधिक नुकसान नहीं हो.
पॉल्ट्री किसानों को उम्मीद है कि त्योहार के कारण लोग फ्लू के डर से निकलेंगे और चिकन की खरीदारी करेंगे. क्योंकि पिछले एक सप्ताह से किसी भी पॉल्ट्री से संक्रमण से मुर्गियों के मरने की खबर नहीं आई है. राजधानी रांची के मेन रोड में चिकन बेचने वाले एक दुकानदार ने बताया कि बर्ड फ्लू के डर के कारण उनकी सप्लाई और बिक्री दोनों ही प्रभावित हुई हैं. अन्य त्योहारी सीजन के मुकाबले इस बार बिक्री कम हुई है. हालांकि मांग में कमी के बावजूद अभी कीमतों में कमी लाने का कोई प्लान नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि चिकन की मांग सबसे अधिक होती है और यह सबसे अधिक लोकप्रिय मांसाहारी भोजन है. साथ ही यह मटन के मुकाबले सस्ता भी है. इसलिए सभी वर्ग के लोग इसे पसंद करते हैं. भुना हुआ और अच्छे से पका हुआ चिकन खाने से कोई संक्रमित नहीं होगा, हमें यह समझना होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह से किसी भी पॉल्ट्री फार्म में मुर्गियों के मरने की खबर नहीं आई है. रांची में अगर बर्ड फ्लू के डर के कारण मांग हुई है. इसलिए पॉल्ट्री किसान अपने उत्पाद दूसरे राज्यों में भेज रहे हैं इससे राज्य की आपूर्ति प्रभावित हुई है.
वहीं अन्य पॉल्ट्री किसानों का कहना है कि चिकन के मांग में कमी आने के बाद भी कीमतों में इसका कोई असर नहीं होगा, क्योंकि होटल उद्योग पर इसका कोई असर नहीं होगा. होटल और रेस्त्रां वाले अपने मेन्यू में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं करेंगे. वहीं रांची के एक मशहूर होटल के मैनेजर ने कहा कि बर्ड फ्लू की आशंका के बाद चिकन प्रोड्क्ट की मांग में काफी गिरावट आई है. त्योहारी सीजन में मांसहार पसंद करने वाले लोग चिकन के विकल्प के तौर पर मटन और मछली की तरफ जा रहे हैं. पर इसके बावजूद चिकन उत्पादों की कीमत कम करने की कोई योजना नहीं है.
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