देश के कई राज्यों में भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति बन गई है. वहीं, मौसम विभाग ने बताया है कि देश में जुलाई के महीने में 315.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 13 प्रतिशत अधिक है. इसके अलावा, आईएमडी के अनुसार मॉनसून सीजन के दूसरे हिस्से, अगस्त तथा सितंबर में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. हालांकि, राहत की बात यह है कि अभी तक ‘अल नीनो’ का मॉनसून पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.
मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की आशंका है. वहीं, मौसम विभाग ने उत्तराखंड में एक अगस्त के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा, कई राज्यों में बिजली गिरने के साथ आंधी-तूफान आने की भी संभावना है. जबकि, मौसम विभाग ने 6 अगस्त तक उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश तो कई जगहों पर भारी बारिश की संभावना जताई है. ऐसे में आइए जानते हैं अगले 24 घंटों के दौरान देशभर में कैसा रहेगा मौसम-
मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और बिहार के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. जबकि, पूर्वोत्तर भारत के विदर्भ, तेलंगाना, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, सिक्किम में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. इसके अलावा, एक-तीन अगस्त तक उत्तराखंड में, एक और दो अगस्त को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में और दो और तीन अगस्त को दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में हल्की या मध्यम बारिश के साथ छिटपुट भारी बारिश होने की संभावना है.
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मौसम विभाग के अनुसार एक अगस्त से तीन अगस्त तक पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार, झारखंड, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने के साथ आंधी-तूफान आने की भी संभावना है. वहीं, विदर्भ में दो और तीन अगस्त को बिजली गिरने के साथ आंधी की भी संभावना है.
मौसम विभाग ने बताया कि अल नीनो की स्थिति के कारण मॉनसूनी बारिश पर अभी तक इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. हालांकि, देश में अगस्त-सितंबर के बीच मॉनसून की दूसरी छमाही में सामान्य बारिश होने की सबसे अधिक संभावना है.
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मौसम विभाग के अनुसार भारी बारिश की घटना उसे माना जाता है जब 24 घंटे के भीतर 115.6 मिलीमीटर से लेकर 204.5 मिलीमीटर तक बारिश होती है. इस तरह की 1113 घटनाएं जुलाई के महीने में रिकार्ड की गई हैं. यदि बारिश 204.5 मिलीमीटर से ज्यादा होती है तो उन घटनाओं को भीषण बारिश की घटना माना जाता है. ऐसी घटनाओं का भी जुलाई में रिकार्ड टूटा है, कुल 205 ऐसी घटनाएं रिकार्ड की गई हैं. विभाग के अनुसार यह घटनाएं न सिर्फ पर्वतीय राज्यों में हुई बल्कि देश के मैदानी क्षेत्रों एवं करीब-करीब सभी हिस्सों में दर्ज की गई हैं. यानी जुलाई महीने में रोजाना 35-36 भारी बारिश की घटनाएं हुई. इससे जान-माल की भारी क्षति भी हुई है.
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