केरल की इंजीनियर ने शौक के लिए शुरू की पोर्टुलाका फूलों की खेती, अब हर महीने कमा रहीं 1 लाख रुपये

केरल की इंजीनियर ने शौक के लिए शुरू की पोर्टुलाका फूलों की खेती, अब हर महीने कमा रहीं 1 लाख रुपये

23 साल की पार्वती ने शौक के तौर पर पोर्टुलाका की खेती शुरू की थी लेकिन फिर उन्‍होंने अपने जुनून को प्रॉफिटेबल बिजनेस में बदल दिया. आज वह उस स्थिति में हैं जहां पर उन्‍हें रोजाना के  50 से 100 ऑर्डर मिलते हैं और इससे उन्‍हें हर महीने एक लाख रुपये तक की इनकम भी होती है. उनके बिजनेस के सफर की शुरुआत तब हुई जब उन्होंने फेसबुक पर पौधों की कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं.

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इस फूल की खेती से हर महीने 1 लाख रुपये कमा रही केरल की इंजीनियरपोर्टुलाका के फूलों की खेती में केरल की इंजीनियर कमा रही हर महीने लाखों रुपये

पोर्टुलाका के फूल देखने में जितने सुंदर दिखते हैं, आंखों को उतना ही सुकून देते थे. आज हम आपको केरल के अलप्‍पुझा की रहने वाली पार्वती मोहनन की जिन्‍होंने अपनी कड़ी मेहनत से इन फूलों का सुंदर बगीचा तैयार किया है. पार्वती मोहनन जहां अलप्‍पुझा की रहने वाली हैं तो वहीं वह कोच्चि में जॉब करती हैं. पार्वती कोच्चि से एक हफ्ते बाद जब अपने होम टाउन पहुंचती हैं तो पोर्टुलाका के फूलों से सजा सुंदर बगीचा उनका स्‍वागत करता है. पार्वती पेशे से एक इंजीनियर हैं और बागवानी उनका शौक है लेकिन अब उनका यही शौक उन्‍हें हर महीने लाखों रुपये की कमाई करके देता है. 

शौक को बनाया बिजनेस  

द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 23 साल की पार्वती ने शौक के तौर पर पोर्टुलाका की खेती शुरू की थी लेकिन फिर उन्‍होंने अपने जुनून को प्रॉफिटेबल बिजनेस में बदल दिया. आज वह उस स्थिति में हैं जहां पर उन्‍हें रोजाना के  50 से 100 ऑर्डर मिलते हैं और इससे उन्‍हें हर महीने एक लाख रुपये तक की इनकम भी होती है. जब पार्वती त्रिशूर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थीं, तो उसी समय साल 2020 में कोविड-19 महामारी की वजह से उनका कॉलेज अस्थायी रूप से बंद हो गया था. ऐसे में उन्‍हें अपने होम टाउन वापस आना पड़ा और ऑनलाइन क्‍लासेज में हिस्‍सा लेना शुरू कर दिया. 

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कैसे हुई बिजनेस की शुरुआत 

वैसे तो उनके घर पर पहले से ही पोर्टुलाका पौधों का एक छोटा सा कलेक्शन था. लेकिन उन्होंने एक लोकल दुकानदार से 30 किस्म के पौधे खरीदे. उनके बिजनेस के सफर की शुरुआत तब हुई जब उन्होंने फेसबुक पर पौधों की कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं. इससे सोशल नेटवर्किंग साइट पर कई ग्रुप्‍स में लोगों की दिलचस्पी पैदा हुई. उन्‍होंने कहा कि कई लोगों ने उनसे पूछना शुरू कर दिया था कि क्या वह पौधे बेचती हूं. तब उन्‍होंने इसके कलेक्‍शन से बिजनेस करने के बारे में सोचा. तब उन्‍होंने बिक्री के बारे में पोस्ट किया और उन्‍हें फेसबुक से 10 ऑर्डर मिले. यहीं से इस बिजनेस की शुरुआत हुई. 

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रिएक्‍शंस से मिला और जोश 

पोर्टुलाका को लेकर लोगों के रिएक्‍शंस इतने जबरदस्‍त थे कि उन्‍होंने अपने शौक को बिजनेस में बदल दिया. इसलिए, कॉलेज के पहले साल में पार्वती ने अपने बगीचे से पौधों का कमर्शियलाइजेशन करना शुरू कर दिया. जैसे-जैसे उनका बगीचा बढ़ता गया, वैसे-वैसे उनकी एक्‍सपर्टीज भी बढ़ती गई और इसमें उन्‍हें फेम भी मिलने लगा. ब्लॉगर्स और YouTube चैनलों ने उनके बगीचे को वर किया और इससे बिजनेस को और बढ़ावा दिया जिससे उनके पास ऑर्ड्स की भी बाढ़ आ गई.

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अपनी बिक्री से होने वाले मुनाफे का प्रयोग करके, उसने अपने कलेक्‍शन का विस्तार करना शुरू कर दिया. पार्वती के मुताबिक कॉलेज की स्‍टूडेंट के तौर पर उनके पास पोर्टुलाका की ज्‍यादा से ज्‍यादा किस्में खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे. कुछ किस्मों की कीमत 5000 रुपये प्रति पौधा थी. लेकिन इसके बावजूद वह इन फूलों को अपने कलेक्‍शन में रखना चाहती थी. फिर उन्‍होंने बिक्री से होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल अधिक किस्मों में निवेश करने के लिए करना शुरू कर दिया. 

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