कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की वित्तीय जरूरत को पूरा करने के लिए दिए जाने वाले लोन देने की सुविधा को राज्य सरकार बेहतर कर रही है. राजस्थान सरकार ने इस वर्ष 5 लाख नए किसानों को लोन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. इस रकम के जरिए किसान खेती के लिए खाद, बीज, मजदूरी भुगतान, कृषि उपकरण समेत दूसरी जरूरतों को पूरा कर पाएंगे.
एजेंसी के अनुसार राजस्थान के सहकारिता मंत्री गौतम कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष पांच लाख नए किसानों को लोन सुविधा देने का टारगेट रखा है. राजस्थान विधानसभा में बोलते हुए राज्य सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रदेश के जरूरतमंद किसानों को लोन सीमा के अनुसार अधिकतम रकम उपलब्ध कराने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे.
मंत्री के अनुसार ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को 1.50 लाख रुपये तक का शॉर्ट टर्म लोन दिया जा रहा है. केंद्रीय सहकारी बैंकों के जरिए कृषक मित्र योजना के तहत सीधे किसानों को 3 लाख रुपये तक का शॉर्ट टर्म लोन उपलब्ध कराने का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि मिड टर्म लोन के तहत केंद्रीय सहकारी बैंकों के जरिए किसानों को 10 लाख रुपये तक का लोन कराया जाता है.
किसानों को दी जाने वाली लोन की रकम के लिए शॉर्ट टर्म लोन का रीपेमेंट पीरिएड दो साल के भीतर रहता है. मिड टर्म लोन का रीपेमेंट साइकिल 2 से 5 साल के लिए होता है. मंत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों के सीमित वित्तीय संसाधनों को देखते हुए लोन लिमिट बढ़ाने पर फिलहाल विचार नहीं है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि किसानों को ज्यादा लोन देकर उनपर वित्तीय बोझ नहीं बढ़ाया जाना है.
किसानों को दिए जाने वाले लोन के जरिए कृषि के विकास पर फोकस करना है. जबकि, किसानों की वित्तीय जरूरत को पूरा करना भी है. 10 लाख तक के लोन मिलने से किसान कृषि उपकरण जैसे ट्रैक्टर, साइलेज मशीन, रोटावेटर, पॉवर टिलर, थ्रेसर खरीद सकते हैं. जबकि, बुवाई और कटाई के वक्त मजदूरी भुगतान के लिए किसानों को वित्तीय संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा. इससे फसल उत्पादन और क्वालिटी बेहतर हो सकेगी.
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