किसान आंदोलन के बीच देश की किसान राजनीति गरमाई हुई है. इसी कड़ी में मंगलवार को फिर से किसान नेताओं ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है. इस बार संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी से मुलाकात की है. SKM किसानों का अलग और प्रमुख धड़ा है.
इससे पहले SKM गैरराजनीतिक के किसान नेताओं ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी. कुल जमा दोनों ही किसान संगठनों ने MSP गारंटी कानून की मांग को लेकर राहुल गांधी से मुलाकात की है.
अब सवाल ये है कि आखिर क्यों किसान नेता MSP गारंटी की मांग को लेकर राहुल गांधी यानी विपक्ष के सहारे हैं. आज की बात इसी पर, जिसमें जानेंगे कि राहुल गांधी से मुलाकात करने वाले SKM के 11 नेता कौन हैं. साथ ही जानेंगे कि क्यों MSP गारंटी कानून पर किसान नेताओं की निर्भरता राहुल गांधी यानी विपक्षी नेताओं पर हुई है.
लोकसभा के सभागार में मंगलवार को SKM के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी से मुलाकात की है. SKM के इस 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में योगेंद्र यादव, बलवीर सिंह राजेवाल, सुनीलम, दर्शन पाल, सत्यवान, हन्नान मुल्ला, रंजन रामचंद्रन, प्रेम सिंह गहलावत, अविक साहा, तेजेंद्र सिंह और रमिंद्र सिंह शामिल थे. इससे पहले 23 जुलाई को SKM गैरराजनीतिक के किसान नेताओं ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी, जिसमें सरवन सिंह पंंढेर, जगजीत सिंह दल्लेवाल, अभिमन्यु कोहाड़ शामिल थे. ये वह किसान नेता हैं, जिनकी अगुवाई में किसान आंदोलन कर रहे हैं.
SKM और SKM गैरराजनीतिक के किसान नेता MSP गारंटी कानून की मांग को लेकर राहुल गांधी से मुलाकात कर चुके हैं. जबकि कानून केंद्र की एनडीए सरकार को बनाना है. इसके उलट राहुल गांधी लोकसभा में नेता विपक्ष हैं. अब सवाल ये हैं कि आखिर क्यों किसान नेता MSP गारंटी कानून की मांग को लेकर सरकार से इतर विपक्ष का सहारा ले रहे हैं. इसे समझने की कोशिश करते हैं.
MSP गारंटी कानून की मांग को लेकर किसान संगठनों के दो बड़े संंयुक्त गुट राहुल गांधी से मिल चुके हैं, जबकि केंद्र की एनडीए सरकार से MSP गारंटी कानून की मांग हो रही है. आखिर ऐसा क्यों... क्यों किसान नेता MSP गारंटी कानून पर एनडीए की घेराबंदी नहीं कर रहे हैं. इसका जवाब किसान आंदोलन के मौजूदा स्टेट्स में छिपा हुआ है. असल में MSP गारंटी कानून की मांग ने सार्वजनिक रूप से तीन कृषि कानूनों के दौरान ही जन्म लिया था. उस दौरान किसान नेताओं ने कहा था कि अगर सरकार MSP गारंटी कानून लागू कर दिया जाए तो तीन कृषि कानून अपने आप ही निष्प्रभावी हो जाएंगे.
पीएम मोदी की तरफ से तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के दौरान किसान नेताओं और सरकार के बीच एक सहमति बनी थी. जिसका आधार MSP गारंटी कानून ही था. इस समझौते के अनुरूप 13 जुलाई 2022 को कृषि मंत्रालय ने कमेटी बनाई थी, जिसे MSP कमेटी भी कहा जाता है. तब से लेकर अब तक गंगा में कई लाख लीटर पानी बह चुका है. SKM गैरराजनीतिक के बैनर तले किसान MSP गारंटी की मांग को लेकर 13 फरवरी से आंदोलन कर रहे हैं.
वहीं SKM भी MSP गारंटी पर एजेंडा सेट करता आ रहा है, लेकिन एनडीए सरकार MSP गारंटी पर खामोश है, तो वहीं MSP कमेटी का रिपोर्ट का अभी तक पता नहीं है. ऐसे में राहुल गांधी यानी विपक्ष MSP गारंटी की नई उम्मीद बन कर उभरे हैं.
SKM और SKM गैरराजनीतिक के नेता MSP गारंटी कानून की मांग को लेकर राहुल गांधी से मिल चुके हैं. किसान नेताओं की इसके पीछे की मंशा को समझें तो वह MSP गारंटी कानून के मुद्दे को राष्ट्रीय बनाने की है. असल में किसान संगठन चाहते हैं कि राहुल गांधी के नेतृत्व विपक्ष इस मुद्दे को संसद में उठाए, जिससे MSP गारंटी के मुद्दे पर राष्ट्रीय चर्चा का फलक तैयार हो सकेगा. इससे उन राज्यों में भी MSP गारंटी कानून का मुद्दा हवा पकड़ेगा, जहां मौजूदा वक्त में किसान राजनीति हाशिये पर पड़ी है. ये सच है कि मौजूदा वक्त में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान में ही MSP गारंटी कानून की मांग हो रही है और दूसरे राज्य के किसानों को इससे मतलब नहीं है, जबकि किसान संगठन राष्ट्रीय स्तर पर MSP गारंटी कानून की मांग कर रहे हैं.
MSP गारंटी कानून की मांग को लेकर कांग्रेस समेत विपक्ष के सहारे किसान नेता... इसके पीछे MSP गारंटी कानून पर कांग्रेस समेत विपक्ष का पुराना स्टैंड अहम है. असल में कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में सत्ता में आने पर MSP गारंटी कानून लागू करने का वादा कर चुकी है. वहीं राहुल गांधी समेत मौजूदा इंडिया अलायंस में राजनीतिक दल साल 2018 में MSP गारंटी कानून की मांग का समर्थन कर चुके हैं, जिसमें एक कदम आगे बढ़ते AIKSCC की बैठक में सभी विपक्षी दल MSP गारंटी कानून पर प्राइवेट बिल के ड्राफ्ट को अंंतिम रूप दे चुके हैं.
इन तमाम कारणों के साथ ही MSP गारंटी कानून पर राहुल गांंधी का स्टैंड भी अहम कारण है. जिसमें राहुल गांधी की तरफ से MSP गांरटी कानून पर प्राइवेट बिल लाया जाना है. असल में मंगलवार यानी 6 अगस्त को हुई मुलाकात में भी संसद के शीतकालीन सत्र में MSP गांरटी कानून पर प्राइवेट बिल लाने की संभावनाओं पर चर्चा हुई है. इस पर अंतिम सहमति इंडिया गठबंधन और SKM की संयुक्त बैठक में होनी है. इसके लिए राहुल गांधी ने केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश को कोर्डिनेशन की जिम्मेदारी सौंपी है. इससे पहले संसद में राहुल गांधी MSP गारंटी कानून पर इंडिया गठबंधन की तरफ से बिल लाने की बात कह चुके हैं.
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