लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी हमेशा अपने बयान और तेवर को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. अब एक फिर राहुल गांधी कृषि कानून की बात कर चर्चा में आ गए हैं. दरअसल, कांग्रेस के वार्षिक लीगल कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने देश के दिवंगत केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को लेकर एक बयान दिया, जिसके बाद बीजेपी ने पलटवार किया और आरोपों को झूठ बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी. कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि जब वह कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे तो सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को मुझे धमकाने के लिए भेजा जाता था.
राहुल गांधी ने कहा कि जब मैं कृषि कानून के खिलाफ लड़ रहा था तो हालांकि, ऐसा नहीं कहना चाहिए, लेकिन फिर भी मैं कहूंगा कि दिवंगत केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली जी को मुझसे मिलने और धमकाने के लिए भेजा गया था. राहुल गांधी आगे कहते हैं, ''अरुण जेटली ने मुझसे कहा था कि अगर तुम इस रास्ते पर चलते रहे, सरकार का विरोध करते रहे और कृषि कानूनों पर हमसे लड़ते रहे, तो हम तुम्हारे खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे"
इसके बाद बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने आरोपों को लेकर बयान पर तीखा जवाब दिया. उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, 'Fake News Alert!' "राहुल गांधी दावा कर रहे हैं कि अरुण जेटली ने उन्हें 2020 में लाए गए कृषि कानूनों को लेकर धमकाया था. लेकिन तथ्य यह है कि अरुण जेटली का निधन 24 अगस्त 2019 को हो गया था, जबकि कृषि कानूनों का मसौदा पहली बार 3 जून 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किया गया था और ये कानून सितंबर 2020 में पास हुए.
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अमित मालवीय ने आगे कहा, "ऐसे में यह दावा सरासर झूठा और भ्रामक है कि जेटली जी ने उन्हें किसी बात के लिए संपर्क किया. यह साफ है कि राहुल गांधी एक बार फिर टाइमलाइन को तोड़-मरोड़ कर अपनी राजनीतिक कहानी गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं.
वहीं, अरुण जेटली के बेटे और दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष रोहन जेटली ने भी राहुल गांधी की टिप्पणी पर तीखा पलटवार किया. उन्होंने एक्स पर लिखा "राहुल गांधी अब यह दावा कर रहे हैं कि मेरे दिवंगत पिता अरुण जेटली ने कृषि कानूनों को लेकर उन्हें धमकी दी थी. मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि मेरे पिता का निधन 2019 में हो गया था, जबकि कृषि कानून 2020 में लाए गए थे. और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे पिता कभी किसी को किसी विचार के विरोध के लिए धमकाने वाले नहीं थे. वह एक सच्चे लोकतांत्रिक व्यक्ति थे जो हमेशा संवाद और सहमति में विश्वास रखते थे. उन्होंने आगे कहा, "मैं राहुल गांधी से आग्रह करता हूं कि जो अब हमारे बीच नहीं हैं, उनके बारे में बोलते समय थोड़ी संवेदनशीलता दिखाएं. उन्होंने मनोहर पर्रिकर जी के अंतिम दिनों को भी राजनीति से जोड़कर अपमानजनक बात की थी.
इस मामले में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की हर बात झूठ है. हर साल झूठ बोलते हैं, वो सुधर नहीं सकते. रोज एक नया झूठ. कांग्रेस कब तक झूठ की राजनीति करेगी? अरुण जेटली बड़े नेता थे. उनका निधन 2019 में हुआ और कृषि कानून 2020 में संसद में आया. कितने झूठ बोलेंगे राहुल गांधी? जब जेटली जी 2019 में ही गुजर गए, तो वो उनसे 2020 में मिलने कैसे आ सकते हैं? राहुल गांधी को अरुण जेटली के परिवार से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. (इनपुट: aaktak.in)
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