देश में किसान अब सामान्य खेती की बजाए ऐसे सब्जियों और अनाज की खेती करना चाहता है, जिसमें लागत कम और मुनाफा ज्यादा हो.बड़ी संख्या में युवा भी अब कृषि क्षेत्र में कुछ अलग करके बड़ा नाम कमा रहे हैं. ऐसा ही एक किसान लखनऊ के गोसाईगंज के पास के रहने वाले हैं, जिन्होंने देसी सब्जियों की बजाए विदेशी सब्जियां उगाना ज्यादा उचित समझा. रमेश वर्मा नाम के किसान पिछले 15 सालों से खेती कर रहे हैं. उन्होंने अपने 1 बीघे की खेती में विदेशी सब्जियों के बलबूते ₹50000 महीना कमा रहे हैं. उन्होंने अपने खेतों येलो स्क्वैश (देसी नाम जुकुनी) लगाई है. जुकिनी की बड़े होटलों में खूब मांग है. पांच सितारा होटलों में विदेशी मेहमानों को यह सब्जी खूब परोसी जाती है. इसमें फाइबर और पोषक तत्व भरपूर है. वही इस का पीला रंग और आकार कद्दू जैसा होता है. लेकिन, खाने में इसका स्वाद कुछ खीरे जैसा होता है.
ये भी पढ़ें : हरियाणा में दूध के साथ अब गोबर भी बेच सकेंगे किसान, नारनौल में बन रहा है प्लांट
किसान रमेश वर्मा बताते हैं की येलो स्क्वैश के फायदे भरपूर हैं. इसी वजह से लखनऊ के पैसे वाले लोग और होटलों में विदेशी मेहमान इसको खूब पसंद करते हैं. उन्होंने बताया कि इसके 1 पौधे पर ₹10 की लागत आती है. लेकिन, मुनाफा ₹300 तक एक पौधे से होता है. यानी एक पौधा अपनी लागत का 30 गुना मुनाफा देता है. वह अपनी इस सब्जी को लखनऊ के बड़े होटलों में भेजते हैं. उनका इन होटलों से ₹60 प्रति किलो पर करार है जबकि बाजार में यह सब्जी ₹200 किलो तक बिकती है.
येलो स्क्वैश सेहत के लिए एक फायदेमंद सब्जी है. वरिष्ठ चिकित्सक डॉ मनोज बताते हैं इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जिसके कारण त्वचा के ऊपर उम्र के कारण होने वाले दाग, धब्बे और झुर्रियों का असर कम होता है. वही गर्मी के मौसम में आंखों में ड्राइनेस नहीं होती है. इस सब्जी में 90% तक पानी होता है जिसके चलते इसके सेवन से शरीर में पानी का स्तर बना रहता है. यह सब्जी आंखों के लिए फायदेमंद होती है क्योंकि इसमें पोषक तत्व के साथ-साथ विटामिन ए भी भरपूर होता है. विटामिन ए हमारे शरीर से रूखापन नहीं आने देता है और शरीर में सूजन को रोकता है. इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं. ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है. इसके अलावा ब्लड फ्लो भी बना रहता है. वही टाइप टू डायबिटीज जैसी बीमारियों में यह मदद करता है.
ये भी पढ़ें : Pashu Kisan Credit Card: गाय, भैंस और बकरी पालकों का नया सहारा बनेगा पशु किसान क्रेडिट कार्ड
कीटनाशक से विलुप्त हो गई जंगली सब्जियां, आर्गेनिक सीड्स से ही कृषि संकट का समाधान: राहीबाई
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today