Animal Husbandry: 5 लाख का बैंक लोन और 35 परसेंट सब्सिडी, ऐसे चल पड़ा 100 चूजों से शुरू किया मुर्गीपालन का व्यवसाय

Animal Husbandry: 5 लाख का बैंक लोन और 35 परसेंट सब्सिडी, ऐसे चल पड़ा 100 चूजों से शुरू किया मुर्गीपालन का व्यवसाय

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत छत्तीसगढ़ के अजीत और उषा हिड़को ने मुर्गी पालन व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है. मात्र 100 चूजों से शुरू हुआ व्यवसाय अब हर महीने हजारों की आमदनी दे रहा है.

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5 लाख का बैंक लोन और 35 परसेंट सब्सिडी, ऐसे चल पड़ा 100 चूजों से शुरू किया मुर्गीपालन का व्यवसाय100 चूजों से शुरू किया था मुर्गी पालन का रोजगार

छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के ग्राम एकटकन्हार के रहने वाले श्री अजीत हिड़को और उनकी पत्नी श्रीमती उषा हिड़को ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) की मदद से अपनी आर्थिक स्थिति को पूरी तरह बदल दिया है. पहले ये दंपति दूसरों के खेतों में मजदूरी किया करते थे, जिससे बहुत ही सीमित आमदनी होती थी. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और गांव में रहकर ही कुछ नया करने की ठानी.

योजना से मिलीआर्थिक मदद

हिड़को दंपति को पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपये का बैंक ऋण मिला, जिसमें 35% का अनुदान भी प्राप्त हुआ. इस आर्थिक सहायता से उन्होंने मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू किया. शुरुआत में उन्होंने अपने कच्चे मकान के एक छोटे से कमरे से मात्र 100 देशी चूजों से व्यवसाय शुरू किया.

मेहनत और ट्रेनिंग से मिली सफलता

अजीत हिड़को ने कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग अंजोरा, कृषि विज्ञान केंद्र और अन्य सेमिनारों से प्रशिक्षण लेकर मुर्गी पालन की तकनीकी जानकारी प्राप्त की. नियमित प्रयास, प्रशिक्षण और मेहनत के दम पर आज वे हर महीने करीब 1000 मुर्गियों का उत्पादन कर रहे हैं. इससे उन्हें प्रतिमाह 20 से 40 हजार रुपये तक की आय हो रही है.

आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता परिवार

इस व्यवसाय से हिड़को परिवार न सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत हुआ है, बल्कि अब उनका पूरा परिवार खुशहाल जीवन बिता रहा है. उषा हिड़को ने भी अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया. इसके साथ ही वे "बिहान" योजना से जुड़कर पशु सखी के रूप में भी कार्य कर रही हैं, जिससे उनकी आय में और वृद्धि हुई है.

प्रशासन का सहयोग और सराहना

जिला कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति ने हिड़को दंपति के कुक्कुट फार्म का दौरा किया और उनके कार्य की सराहना की. उन्होंने भरोसा दिलाया कि जिला प्रशासन की ओर से हर संभव सहायता दी जाएगी. अजीत और उषा हिड़को ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार प्रकट किया.

प्रेरणा बना एकटकन्हार का हिड़को परिवार

हिड़को दंपति की कहानी यह साबित करती है कि अगर हिम्मत, मेहनत और सही मार्गदर्शन हो, तो कोई भी व्यक्ति आत्मनिर्भर बन सकता है. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम जैसे योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और सम्मानजनक जीवन का रास्ता खोल रही हैं. हिड़को परिवार की सफलता न सिर्फ उनके लिए, बल्कि पूरे गांव और जिले के लिए प्रेरणादायक है. यह कहानी दिखाती है कि सरकार की योजनाएं और व्यक्तिगत प्रयास मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं.

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