आज के समय में यह जरूरी नहीं है कि आप जिस क्षेत्र में पढ़ाई कर रहे हैं, उसी क्षेत्र में नौकरी या रोजगार करें. आपकी इच्छा, दूरदर्शी सोच और बेहतर प्रबंधन आपकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. एक ऐसे ही युवा पटना जिले के धनेरूआ ब्लॉक के बीर गांव के संतोष कुमार हैं, जिन्होंने बीटेक की पढ़ाई की, लेकिन अपनी कर्मभूमि के रूप में पशुपालन को चुना है. आज वह इस क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं. साथ ही कई किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर भी कर रहे हैं.
संतोष कुमार पटना शहर में करीब 250 से 300 परिवारों को A2 मिल्क की होम डिलीवरी कर रहे हैं. इससे उनकी कंपनी महीने में करीब 10 लाख रुपये की कमाई कर रही है. संतोष का लक्ष्य है कि आने वाले दिनों में पटना में 15,000 लीटर A2 मिल्क की बिक्री करें.
संतोष बताते हैं कि उनकी दसवीं तक की पढ़ाई गांव में हुई. बचपन से ही उन्हें पशुपालन से लगाव था. बीटेक की पढ़ाई के दौरान उन्होंने नौकरी करने के बजाय पशुपालन में व्यवसाय करने का फैसला किया. 2019 में पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने अपने माता-पिता से डेयरी व्यवसाय शुरू करने की बात कही. उनकी सहमति के बाद 2020 में व्यवसाय शुरू किया. पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने इस क्षेत्र की जानकारी जुटाई और पाया कि देसी गायों की साहिवाल और राठी नस्लों में A2 मिल्क की मात्रा अधिक होती है, जो महंगे दामों में बिकता है. इस आधार पर उन्होंने पांच साहिवाल और पांच राठी गायों के साथ व्यवसाय शुरू किया.
संतोष बताते हैं कि 10 देसी गायों के साथ A2 मिल्क का व्यवसाय शुरू करने पर उनकी आय में काफी वृद्धि हुई. इसके बाद 2022 में उन्होंने कौशलेंद्र कुमार के साथ मिलकर "देसी मो" नाम की कंपनी बनाई और अन्य किसानों को अपने साथ जोड़ना शुरू किया. आज उन्होंने पांच किसानों को बैंक से लोन दिलवाकर पांच-पांच साहिवाल और राठी गायों के साथ दूध का व्यवसाय शुरू करवाया है. संतोष बताते हैं कि जब उनके पिता के पास दो-तीन गायें थीं, तब महीने का 10,000 से 12,000 रुपये की आय होती थी. लेकिन जब उन्होंने 10 देसी गायों के साथ A2 मिल्क बेचना शुरू किया, तो आय बढ़कर 1 लाख से 1.25 लाख रुपये महीने की होने लगी.
संतोष कहते हैं कि 2020 में 10 गायों के साथ व्यवसाय शुरू किया था. उस समय दो बार मिलाकर 50 लीटर दूध प्राप्त होता था, जिसे 90 रुपये प्रति लीटर की दर से बेचा जाता था. 2022 में जब पांच किसानों को बैंक से 10 लाख रुपये का लोन दिलवाकर देसी गाय पालन का व्यवसाय शुरू करवाया गया, तब दूध का उत्पादन बढ़कर 300 लीटर हो गया. आज सभी पांचों किसानों की मासिक कमाई 60,000 से 70,000 रुपये के बीच हो रही है.
संतोष न केवल खुद व्यवसाय कर रहे हैं, बल्कि पटना जिले के विभिन्न ब्लॉकों के किसानों को इस क्षेत्र से जोड़ने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं. वे पशुपालकों को बैंक लोन और प्रशिक्षण दिलवाने में मदद करते हैं. साथ ही, वे किसानों से 50 से 60 रुपये प्रति लीटर की दर से दूध खरीदते हैं. वर्तमान में पांच किसान उनके साथ जुड़े हैं. संतोष का लक्ष्य है कि आने वाले दिनों में 30 और किसानों को बैंक लोन के माध्यम से इस व्यवसाय से जोड़ा जाए. वहीं, अगले दो-तीन वर्षों में वे 300 किसानों के साथ मिलकर पटना में 15,000 लीटर A2 मिल्क बेचने का लक्ष्य निर्धारित किए हैं.
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