पराली मैनेजमेंट को लेकर किसानों में रोष हैभारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के बैनर तले किसानों ने रविवार को संगरूर के लड्डी गांव में धान के पराली मैनेजमेंट पर चर्चा करने आई सरकारी टीम का घेराव किया. किसानों ने कहा कि अगर वे पराली नहीं भी जलाते हैं, तो भी सरकार समय पर गांठों की खरीद सुनिश्चित करने की परवाह नहीं करेगी. उन्होंने आगे कहा कि अगर वे पराली को मिट्टी में मिला देते हैं, तो अगली फसल को पिंक बोरर कीट से खतरा हो सकता है.
संगरूर के लड्डी गांव के एक किसान जगतर सिंह ने 'हिंदुस्तान टाइम्स' से कहा, "हमने पराली जलाने पर रोक लगाने पर चर्चा करने आई टीम का घेराव किया, क्योंकि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पिछले कुछ दिनों से बिना कोई समाधान बताए हमारे खेतों की फोटो ले रहे हैं." उन्होंने आगे कहा, "धान की पराली के मैनेजमेंट के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है, और जरूरी मशीनरी भी उपलब्ध नहीं है."
किसान जगतार सिंह ने कहा कि सरकार ने पिछले साल गुलाबी सुंडी के हमले के लिए उन्हें कभी मुआवजा नहीं दिया. सिंह ने कहा, "अब, लगातार बारिश के बाद, बौना वायरस ने इस साल फिर से हमारी फसल कम कर दी है, जिससे भारी नुकसान हुआ है."
डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) सुखदेव सिंह ने पुष्टि की कि विरोध तब शुरू हुआ जब पुलिस किसानों को पराली जलाने से रोकने की कोशिश कर रही थी. DSP ने कहा, "प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधिकारियों को रोक लिया और पराली मैनेजमेंट के लिए उपलब्ध समाधान और विकल्पों के बारे में पूछा. साथ ही गुलाबी सुंडी के बारे में अपनी चिंता भी बताई."
उन्होंने बताया कि विरोध दोपहर 1.30 बजे शुरू हुआ और लगभग दो से तीन घंटे तक चला, जिसके बाद इसे खत्म कर दिया गया. किसानों को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) और सुप्रीम कोर्ट के पराली जलाने पर रोक लगाने के गाइडलाइंस के बारे में समझाया गया. उन्हें प्रभावी धान की पराली मैनेजमेंट के लिए इन-सीटू और एक्स-सीटू दोनों तरीकों का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई
बरनाला जिले के जगजीतपुरा गांव में भी ऐसे ही नज़ारे देखने को मिले, जहां किसानों ने पराली जलाने से रोकने आए अधिकारियों का घेराव किया.
BKU एकता डकौंदा जिला अध्यक्ष दर्शन सिंह उगौके और BKU उगराहां नेता दर्शन सिंह चीमा ने कहा कि गांव के एक किसान के पास पराली जलाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है. जब दूसरे किसानों को पता चला कि टापा के DSP के नेतृत्व में अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं, तो वे भी वहां पहुंच गए.
यूनियन नेताओं ने कहा कि जब उनकी फसलें बाढ़ से खराब हुई थीं, तब सरकारी अधिकारी कहीं नजर नहीं आए, लेकिन वे खेतों में आग लगने पर तुरंत एक्शन लेते हैं. यूनियन ने यह भी कहा कि किसी भी किसान के खिलाफ कोई भी कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
किसान नेताओं ने कहा, "अगर किसानों के खिलाफ कार्रवाई की गई, तो हम पराली से भरी ट्रॉलियों को DSP और DC ऑफिस के सामने जलाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे."
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today