
उत्तर प्रदेश की पहली काऊ सेंक्चुरी का काम सोमवार से शुरू हो गया है. मुजफ्फरनगर जनपद स्थित पुरकाजी खादर क्षेत्र में यह काऊ सेंक्चुरी बनाई जा रही है. केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान के प्रयास से इस काऊ सेंक्चुरी की नींव रखी गई है. पुरकाजी क्षेत्र के खादर स्थित तुगलपुर कमहेड़ा गांव में बनाई जा रही उत्तर प्रदेश की पहली काऊ सेंक्चुरी का काम सोमवार से शुरू हुआ है. केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने मौके पर पहुंचकर और ट्रैक्टर चलाकर काऊ सेंक्चुरी के निर्माण कार्य को शुरू कराया. कहा जा रहा है कि इस काऊ सेंक्चुरी के बनने से किसानों को छुट्टा पशुओं से छुटकारा मिलेगा क्योंकि बड़ी तादाद में जानवरों को इस सेंक्चुरी में रखा जा सकेगा.
मंत्री संजीव बालियान की मानें तो तुगलपुर कमहेड़ा गांव में स्थित 130 एकड़ जमीन है जिसमें से 40 एकड़ जमीन पर काऊ सेंक्चुरी का काम शुरू किया गया है. बताया जा रहा है कि इस काऊ सेंक्चुरी को बनाने के लिए 64 करोड़ रुपये का टेंडर हुआ है. दावा किया जा रहा है कि इस काऊ सेंक्चुरी में लगभग पांच हज़ार पशुओं को रखने की क्षमता होगी.
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जानकारी के मुताबिक, पुरकाजी क्षेत्र के चंदन गांव में 70 हेक्टेयर जमीन पर पहले यह काऊ सेंक्चुरी बनाई जानी थी. लेकिन किसी कारण से यह जमीन विवादों में पड़ गई थी. इसके चलते इस जमीन पर कोर्ट का स्टे आ गया था. कुछ अवरोध के बाद अब इस काऊ सेंक्चुरी को तुगलपुर कमहेड़ा गांव में बनाया जा रहा है.
बालियान कहते हैं, काऊ सेंक्चुरी के लिए 64 करोड़ का टेंडर हुआ है जिसमें चार महीने का समय होगा. सेंक्चुरी की 40 एकड़ जमीन की बाउंड्री होगी. करीब 250 बीघा में यह गौशाला बनेगी और सवा सौ बीघा में शेड का कंट्रक्शन होगा जिसमे बड़े-बड़े 18 शेड बनेंगे. ये शेड 150-150 मीटर के होंगे. बाकी जगह पशुओं के घूमने के लिए होगी. यह सेंक्चुरी कम से कम पांच हजार पशुओं की क्षमता का है. बालियान कहते हैं, मुझे उम्मीद है कि 2023 के अंत तक मुज़फ्फरनगर जनपद में एक भी गौवंश किसी सड़क या खेत में नहीं मिलेगा और किसान बिलकुल आराम से रात को सो सकते हैं. यह काऊ सेंक्चुरी पीपीपी मॉडल पर चलेगी जिसमें सरकार और पब्लिक मिलकर इसे चलाएंगे.
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यूपी में आवारा पशुओं की समस्या बहुत बड़ी है. यह मसला चुनावी मुद्दा भी बन चुका है. हालिया चुनाव में विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर आरोप लगाया था कि छुट्टा पशुओं की समस्या का समाधान नहीं निकाला जा रहा. किसान भी ऐसी ही शिकायत करते रहे हैं कि प्रशासन आवारा पशुओं को बंधवाने के लिए कोई कोशिश नहीं कर रहा. एक समस्या ये भी बताई गई कि गौशालाओं की संख्या कम है और छुट्टा मवेशी ज्यादा. इस वजह से भी आवारा पशु खेतों को बर्बाद कर रहे हैं. किसान रात में जागकर अपने खेतों की रखवाली करते हैं. इसी परेशानी को सुलझाने के लिए मुजफ्फरनगर में काऊ सेंक्चुरी बनाई जा रही है.
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