जल जीवन मिशन भारत सरकार द्वारा अगस्त 2019 में शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना है. इसका मुख्य उद्देश्य देश के हर ग्रामीण परिवार को उनके घर में पाइप के जरिए नल से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है. इस योजना का लक्ष्य था कि 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) सुनिश्चित किया जाए.
जब यह मिशन शुरू किया गया था, उस समय केवल 3.23 करोड़ (करीब 16.7%) ग्रामीण घरों में ही नल से जल की सुविधा थी. यानी अधिकांश गांवों में अब भी लोग दूर-दूर से पानी लाने को मजबूर थे. यह स्थिति सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती थी.
23 सितंबर 2025 तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, अब तक करीब 12.44 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण घरों में नल का कनेक्शन पहुंच चुका है. कुल मिलाकर अब देश के 15.67 करोड़ (करीब 80.95%) ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंच रहा है. यह एक बड़ी उपलब्धि है और इससे करोड़ों ग्रामीणों को राहत मिली है.
जल शक्ति राज्य मंत्री वी. सोमन्ना ने राज्यसभा में यह जानकारी दी कि जल जीवन मिशन अब 2028 तक जारी रहेगा. इसके लिए बजटीय प्रावधान भी बढ़ाया गया है. वित्त मंत्री ने अपने 2025-26 के बजट भाषण में यह बात कही थी कि दीर्घकालिक स्थिरता और जल सेवा की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए इस योजना को अगले चरण तक बढ़ाया जाएगा.
सरकार मिशन के अगले चरण की तैयारी कर रही है. इसमें पाइप जलापूर्ति योजनाओं के संचालन और रखरखाव पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि जल सेवा दीर्घकालिक और टिकाऊ बनी रहे. वित्त पोषण और अन्य दिशा-निर्देशों पर तेजी से काम चल रहा है.
जल जीवन मिशन न केवल एक बुनियादी सुविधा प्रदान करने की योजना है, बल्कि यह ग्रामीण भारत में जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है. इसके विस्तार से लाखों लोगों को लाभ मिलेगा और 'हर घर जल' का सपना जल्द ही पूरा हो सकेगा.
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