
बारिश और ओलावृष्टि से फसल चौपट होने के बाद पंजाब-हरियाणा के किसान सड़कों पर उतर आए हैं. इनकी मांग है कि सरकार फौरन फसलों के नुकसान का सर्वे कराए और मुआवजा दिलाए. ऐसी ही एक खबर हरियाणा के रोहतक से आई है जहां बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसल में हुए भारी नुकसान के बाद स्पेशल गिरदावरी और मुआवजे की मांग को लेकर कई गांवों के किसानों ने लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया. किसानों ने लघु सचिवालय के सामने रोड को जाम कर दिया और मुआवजे के तौर पर प्रति एकड़ पचास से साठ हजार रुपये की मांग की.
रोहतक में सोमवार को जिले भर के किसानों ने फसल खराबे की स्पेशल गिरदवारी और मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया. गुस्साए किसानों ने लघु सचिवालय के बाहर सड़क पर जाम लगा दिया. किसान सभा और भारतीय किसान यूनियन यानी कि BKU के बैनर तले किसानों ने लघु सचिवालय पहुंच कर सरकार से पचास हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की मांग की. किसानों ने डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम अपना मांग पत्र भी सौंपा है.
उधर सोनीपत में किसानों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल लगातार जारी रखा है. किसान लगातार सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं. सोनीपत में सोमवार को सैकड़ों किसान सोनीपत लघु सचिवालय पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया और धरना दिया. किसानों की मांग है कि मौसमी बरसात के कारण उनकी फसल बर्बाद हो चुकी है और सरकार सिर्फ पोर्टल के नाम पर बरगलाने का काम कर रही है. किसानों की मांग है कि जल्द ही गिरदावरी कर उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए. किसानों ने कहा है कि अगर जल्द मांग पूरी नहीं हुई तो वे सड़कों पर बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे.
ऐसा ही हाल करनाल में देखा गया है जहां करनाल जिला सचिवालय में किसानों ने मुआवजे की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. भारतीय किसान यूनियन चढूनी से जुड़े किसानों ने करनाल जिला सचिवालय में पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया. बरसात के कारण किसानों की खराब हुई गेहूं की फसल के मुवावजे की मांग करते हुए किसानों ने 50000 रुपये प्रति एकड़ मुवावजे की मांग की और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.
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उधर भिवानी के गांव धनाना में जन संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर पहुंचे. वहां खट्टर ने कहा कि आज किसान परेशान है. पर पूरे प्रदेश में स्पेशल गिरदावरी करवाई जा रही है. प्रभावित किसानों को मई महीने में उचित मुआवज़ा दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी किसान को 500 रुपये से कम मुआवज़ा नहीं मिलेगा.
हरियाणा की तरह पंजाब में भी कई किसान मुआवजे के लिए आंदोलन कर रहे हैं. अमृतसर में सोमवार को भारती किसान यूनियन एकता सिधूपुर की तरफ से फसली मुआवजा दिलाने को लेकर डीसी दफ्तर में मांग पत्र दिया गया. इस मौके पर किसान आगू पलविंदर सिंह महाल ने कहा कि किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि गांवों में फसलों की गिरदावरी करने के लिए अभी तक पटवारी नहीं पहुंचे क्योंकि यह प्रशासन की ढीली कार्रवाई है. उन्होंने मांग की है कि किसानों को ज्यादा से ज्यादा मुआवजा दिया जाए.
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उधर गुरदासपुर में किसानों ने अपने ट्रैक्टरों को बटाला रेलवे स्टेशन की पटरी पर खड़ा कर संघर्ष तेज कर दिया. किसानों की बैठक सुबह करीब 10 बजे शुरू हुई जिसमें डीसी गुरदासपुर, एसएसपी बटाला और जीआरपी के डीएसपी शामिल हुए. किसानों का आंदोलन किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंढेर की अगुआई में किया गया. सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि मांगों को लेकर प्रशासन ने बैठक में किसानों के सामने अपना प्रस्ताव रखा है, अब किसान इस प्रस्ताव पर विचार कर अगला फैसला लेंगे.
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