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अलीगढ़: सवा लाख किसानों ने नहीं कराई e-KYC, खाते में नहीं आएगी PM-Kisan की 13वीं किस्त

अलीगढ़: सवा लाख किसानों ने नहीं कराई e-KYC, खाते में नहीं आएगी PM-Kisan की 13वीं किस्त

किसानों को ई-केवाईसी कराने के लिए 31 जनवरी तक की समय सीमा तय की गई थी. इसके बाद 3.76 लाख किसानों में से 2.51 लाख किसानों की ही ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी हो पाई है. पीएम किसान सम्मान निधि जारी होने से पहले अगर इन किसानों की ई-केवाईसी पूरी नहीं होती है, तो वे स्कीम के फंड से वंचित रह सकते हैं.

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पीएम किसान सम्मान निधि पाने के लिए ई-केवाईसी जरूरी है पीएम किसान सम्मान निधि पाने के लिए ई-केवाईसी जरूरी है

अलीगढ़ ज़िले में लगभग 1.25 लाख किसान पीएम सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) से वंचित रह सकते हैं. ई-केवाईसी (e-KYC) नहीं कराए जाने की वजह से किसान पीएम सम्मान निधि पाने से वंचित रह सकते हैं. जानकारी के अनुसार 31 जनवरी तक 60 प्रतिशत किसानों की ही ई-केवाईसी हो पाई है. इसके लिए डाकघरों में 100 रुपये में खाता खुलवाने के लिए किसानों की लाइन लग रही है. किसानों को डर है कि जिनका ई-केवाईसी नहीं होगा, उन्हें पीएम किसान सम्मान निधि की 13वीं किस्त नहीं मिलेगी. इसलिए केवाईसी कराने के लिए लोगों की लंबी लाइनें देखी जा रही हैं.
 
पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) केंद्र सरकार की स्कीम है जिसमें किसानों को साल में तीन बार दो-दो हजार की किस्त जारी की जाती है. इस स्कीम में रजिस्टर्ड किसानों को सालाना छह हजार रुपये मिलते हैं. पीएम किसान योजना के तहत किसी भी अन्य राज्य की तुलना में उत्तर प्रदेश में किसानों का सबसे बड़ा हिस्सा है. अब तक 12वीं किस्त का पैसा किसानों के बैंक खाते में पहुंच चुका है. अब इस योजना की 13वीं किस्त फरवरी माह में आ सकती है. 

ऐसे में किसानों को ई-केवाईसी कराने के लिए 31 जनवरी तक की समय सीमा तय की गई थी. इसके बाद 3.76 लाख किसानों में से 2.51 लाख किसानों की ही ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी हो पाई है. पीएम किसान सम्मान निधि जारी होने से पहले अगर इन किसानों की ई-केवाईसी पूरी नहीं होती है, तो वे स्कीम के फंड से वंचित रह सकते हैं.

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ई-केवाईसी के बारे में जानकारी देते हुए डीडी कृषि यशराज सिंह ने कहा, हमारे जनपद में अभी तक दो लाख 51 हज़ार लोगों की ही केवाईसी हो पाई है. तीन लाख 76 हज़ार किसानों को इस योजना का लाभ मिल रहा था. किसी कारणवश किसानों की केवाईसी नहीं हो पाई है. इसी वजह से एक लाख 25 हज़ार किसान इससे वंचित रह सकते हैं. यशराज सिंह ने आगे कहा, डीएम और सीडीओ ने पंचायत सहायकों को भी इस कार्य में लगाया हुआ है. पंचायत सहायक किसानों को जागरूक कर उनके प्रपत्रों को पूरा करा रहे हैं. 

पोस्ट ऑफिस में भी केवाईसी कराई जा रही है. वहां भी कैंप लग रहे हैं. पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाने के साथ ही एमपीसीआई और आधार से केवाईसी भी साथ में हो जा रही है. किसान नेता जितेंद्र यादव ने बताया कि केवाईसी के नाम पर ज़िले के किसानों को परेशान किया जा रहा है. एक साल से किस्त नहीं आ रही है. पहले दो-दो हज़ार रुपये आते थे. ये सिर्फ़ किसानों को ठगने का काम किया जा रहा है. अधिकारियों की गलती की वजह से किसान पीएम सम्मान निधि से वंचित रह रहा है. अधिकारी काम नहीं करते हैं, सिर्फ़ टहलाने का काम करते हैं.

दूसरी ओर, डीडी कृषि यशराज सिंह ने कहा कि किसानों की समस्या निपटाने के लिए पंचायत सहायकों को लगाया गया है. जिले में 800 पंचायत सहायक हैं जिन्हें गांव-गांव में भेजकर जल्द किसानों की ई-केवाईसी का काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है. डाकघरों में ई-केवाईसी के अलावा किसानों के पीएम किसान सम्मान निधि के नए खाते खुलवाए जा रहे हैं. जिले में 230 डाकखाने ऐसे हैं जहां आधार के साथ नए खाते खुल रहे हैं और ई-केवाईसी भी कराई जा रही है. इन डाकघरों में आधार सीडिंग, एनपीसीआई और ई-केवाईसी साथ में हो रही है.

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पीएम किसान सम्मान निधि पाने के लिए ई-कवाईसी अनिवार्य है जिसमें आधार की जरूरत होती है. कृषि विभाग इसे लेकर जागरूकता अभियान चलाता रहा है कि जिन किसानों की ई-केवाईसी नहीं होगी, उन्हें पीएम किसान किसान सम्मान निधि की आगामी किस्त नहीं मिलेगी. कई किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने अपना मोबाइल नंबर बदल दिया है. ऐसे किसानों के आधार से लिंक नंबर पर ओटीपी नहीं जाने से भी सम्मान निधि का पैसा नहीं मिल रहा है. इन किसानों से कहा गया है कि वे तुरंत आधार में अपना नया नंबर अपडेट करा लें.

ई-केवाईसी पूरी तरह से आधार से जुड़ा हुआ काम है, इसलिए आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर बंद हो या बदल गया हो, तो पीएम किसान सम्मान निधि की ई-केवाईसी कराने में दिक्कत आ रही है. ई-केवाईसी नहीं होने से पैसा भी नहीं मिल रहा है.(मो. अकरम खान की रिपोर्ट)