देश में डिजिटल हुईं 5 लाख से ज्यादा राशन दुकानें, आधार से लिंक हुए 19 करोड़ कार्ड

देश में डिजिटल हुईं 5 लाख से ज्यादा राशन दुकानें, आधार से लिंक हुए 19 करोड़ कार्ड

सरकारी आंकड़े के मुताबिक, देश के 19 करोड़ राशन कार्ड होल्डर ने अपने राशन कार्ड को आधार से लिंक करा लिया है. आंकड़ा बताता है कि साल 2019 में 93 करोड़ राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी की गई. इस साल राशन कार्ड से 39 करोड़ लेनदेन हुए हैं. डिजिटल लेनदेन के लिए पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीनों का उपयोग किया जा रहा है.

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देश में डिजिटल हुईं 5 लाख से ज्यादा राशन दुकानें, आधार से लिंक हुए 19 करोड़ कार्डराशन वितरण में 'वन नेशन वन राशन कार्ड' स्कीम का मिल रहा लाभ

केंद्र सरकार राशन वितरण में सुविधा के लिए 'वन नेशन वन राशन कार्ड' (ONORC) की योजना चला रही है. इस योजना का अर्थ है जगह बदलने से किसी का राशन कार्ड नहीं बदलेगा. एक ही राशन कार्ड पर देश के किसी भी इलाके में सुविधा ली जा सकेगी. सरकार की यह योजना बेहद कारगर साबित हो रही है. खासकर श्रमिक वर्ग के लोगों को इसका सबसे अधिक लाभ मिल रहा है क्योंकि उन्हें रोजी-रोटी के लिए अकसर स्थान बदलना पड़ता है. सरकार ने कहा है कि 'वन नेशन वन राशन कार्ड' स्कीम के अंतर्गत 5 लाख 30 लाख राशन दुकानों को डिजिटल कर दिया गया है. इन दुकानों पर डिजिटल लेनदेने की सुविधा शुरू की गई है.

सरकारी आंकड़े के मुताबिक, देश के 19 करोड़ राशन कार्ड होल्डर ने अपने राशन कार्ड को आधार से लिंक करा लिया है. आंकड़ा बताता है कि साल 2019 में 93 करोड़ राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी की गई. इस साल राशन कार्ड से 39 करोड़ लेनदेन हुए हैं. डिजिटल लेनदेन के लिए पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीनों का उपयोग किया जा रहा है.

ONORC स्कीम का लाभ  

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड सहित अलग-अलग योजनाओं के तहत पोषणयुक्त चावल का वितरण, लक्षित सार्वजनिक वितरण सहित केंद्र की अन्य योजनाओं का लाभ सभी लाभार्थियों तक पहुंचाया जा रहा है. एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना (वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम) की प्रगति बताते हुए उन्होंने कहा कि अगस्त-2019 में 4 राज्यों के बीच पोर्टेबिलिटी के साथ शुरुआत करते हुए अब तक सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना को शुरू किया जा चुका है, जिसमें लगभग 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थी यानी देश की लगभग सौ प्रतिशत एनएफएसए आबादी शामिल है. 

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अगस्त-2019 में ओएनओआरसी योजना की शुरूआत के बाद से, इस योजना के तहत 93 करोड़ से ज्यादा पोर्टेबिलिटी लेन-देन दर्ज किए गए हैं, जिसमें 177 लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद्यान्न बांटा गया है. वर्ष 2022 के दौरान 11 महीनों में 39 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन किए गए, जिनमें एनएफएसए और पीएमजीकेएवाई के इंटर-स्टेट और इंट्रा-स्टेट पोर्टेबिलिटी लेनदेन सहित 80 लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद्यान्न वितरित किया है.

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कृषि मंत्री ने बताया कि लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) में सुधार के तहत सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एनएफएसए के 100 प्रतिशत राशन कार्ड/लाभार्थियों के आंकड़े डिजिटल हुए हैं. लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को कवर करने वाले 19.5 करोड़ राशन कार्डों का विवरण राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पोर्टल पर उपलब्ध हैं. 99.5 प्रतिशत से अधिक राशन कार्ड आधार (परिवार का कम से कम एक सदस्य) से जुड़े हैं. लाभार्थियों को सब्सिडी वाले खाद्यान्न के वितरण के लिए 99.8 प्रतिशत (5.34 लाख में से 5.33 लाख) उचित मूल्य की दुकानों (फेयर प्राइस शॉप) में इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ़ सेल मशीनों के उपयोग के साथ ही ऑटोमेटिक काम हो रहा है.

ONORC की विशेषताएं

  • आपके पास जो भी राशन कार्ड मौजूद है, वही वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत दर्ज हो जाएगा. नया बनवाने की जरूरत नहीं.
  • यह कार्ड यूनिवर्सल होगा जिसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभार्थी को जारी किया जाता है.
  • ओएनओआरसी की सुविधा लेते हुए कोई व्यक्ति किसी दूसरे राज्य या अन्य स्थान पर जाता है, तो भी उसे सब्सिडी रेट पर राशन की सुविधा मिलेगी. इससे फर्क नहीं पड़ता कि लाभार्थी कहां का रहने वाला है और उसका कार्ड उसी स्थान को हो. देश के किसी भी हिस्से में उसे राशन लेने में दिक्कत नहीं होगी.
  • ई-पीओएस मशीनों के जरिये बायोमेट्रिक लेकर लाभार्थी को राशन दिया जाएगी. हर फेयर प्राइस शॉप पर ये मशीनें लगाई जा रही हैं.
  • राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी के लिए लाभार्थी पीडीएस के पोर्टल पर जा सकता है और ऑनलाइन यह काम कर सकता है.
  • मौजूदा राशन कार्ड पर कहीं से भी राशन लेने के लिए लाभार्थी को अपना कार्ड आधार से लिंक करना होता है.
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