एमएसपी पर फसलों की खरीद में मोदी सरकार ने बनाया नया रिकॉर्ड

एमएसपी पर फसलों की खरीद में मोदी सरकार ने बनाया नया रिकॉर्ड

न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ लेने वाले किसानों की संख्या अब करीब 2 करोड़ होने वाली है. न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर इन दिनों विपक्ष सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है. इस बीच सरकार ने फसलों की सरकारी खरीद के आंकड़े पेश कर विपक्ष को आइना दिखाने की कोशिश शुरू कर दी है.

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एमएसपी पर फसलों की खरीद में मोदी सरकार ने बनाया नया रिकॉर्डMSP को लेकर बना नया रिकॉर्ड

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार लगातार एमएसपी (MSP) बढ़ा रही है और सरकारी खरीद का दायरा भी बढ़ रहा है. न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ लेने वाले किसानों की संख्या अब करीब 2 करोड़ होने वाली है. जो कांग्रेस के वक्त सिर्फ 78 लाख थी.

न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर इन दिनों विपक्ष सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है. इस बीच सरकार ने फसलों की सरकारी खरीद के आंकड़े पेश कर विपक्ष को आइना दिखाने की कोशिश शुरू कर दी है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वृहस्पतिवार को बताया कि 2014-15 में एमएसपी के तौर पर सरकार ने किसानों को 1.06 लाख करोड़ रुपये दिए थे, जो मोदी सरकार के दौरान 2021-22 में बढ़कर 2.75 लाख करोड़ रुपये हो गया है. 

एमएसपी का लाभ लेने वाले किसान

तोमर ने बताया कि वर्ष 2015-16 में एमएसपी पर देश के 78.3 लाख किसानों ने खाद्यान्न बेचा था, जबकि वर्ष 2021-22 में किसानों की संख्या बढ़कर 194 लाख हो गई. सरकार लगातार एमएसपी भी बढ़ा रही है और सरकारी खरीद का दायरा भी बढ़ रहा है.

वर्तमान में कुल खरीद

मौजूदा खरीफ विपणन सीजन (केएमएस) 2022-23 के दौरान 4 दिसंबर 2022 तक 339.88 लाख मीट्रिक टन धान (चावल के मामले में 227.82 एलएमटी) की खरीद की गई है. जिससे किसानों को एमएसपी के तौर पर 70 हजार करोड़ रुपये मिले हैं. यही नहीं लगभग 30 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं.

धान खरीद में कितना अंतर

इसी तरह 2013-14 में धान की खरीद 475 एलएमटी ही थी. जो 2021-22 में बढ़कर 759 एलएमटी हो गई. करीब 60 प्रतिशत की वृद्धि. आठ साल में खऱीद मूल्य में 132 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. अब धान का कुल खरीद मूल्य लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये है. 

गेहूं की खरीद

तोमर ने बताया कि रबी विपणन सीजन (आरएमएस) 2022-23 के दौरान 187.92 एलएमटी गेहूं की खरीद की गई, जिससे लगभग 17 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं. जिनका एमएसपी मूल्य करीब 38 हजार करोड़ रुपये था. ओपन मार्केट में गेहूं का दाम एमएसपी से अधिक होने की वजह से इस साल ज्यादातर किसानों ने निजी क्षेत्र को बिक्री की.  

गेहूं खरीद में अंतर

रबी खऱीद सीजन 2013-14 में गेहूं की कुल 251 एलएमटी सरकारी खरीद हुई थी. जो 2021-22 में बढ़कर 433.44 एलएमटी हो गई है. यानी करीब 73 प्रतिशत वृद्धि हुई है. आठ साल में खऱीद मूल्य में 152 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. अब एमएसपी पर खरीदे जाने वाले गेहूं का कुल मूल्य लगभग साढ़े 85 हजार करोड़ रुपये है.
कृषि मंत्री ने बताया कि वर्ष 2014-15 में खाद्यान्न (गेहूं, धान और दालों सहित) की कुल खरीद 759.44 लाख टन थी, जो 2021-22 में बढ़कर 1345.45 लाख टन हो गई है.

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